हम स्टॉप लॉस का उपयोग क्यों नहीं करते?

Note: This article is for educational purposes only. Kindly learn from it and build your knowledge. We do not advice or provide tips. We highly recommend to always trade using stop loss.
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ट्रेडिंग की दुनिया में गुप्त मंत्र है, “कोशिश करके नियंत्रणीय स्थिति को बढ़ाओ और खुदको बेकाबू होने से बचाओ ” . उपरोक्त उदहारण पहली बार हमें बेतुका लग सकता है, लेकिन अगर हम इसके बारे में सोचते हैं, तो यह बहुत मायने रखता है। यदि हमें बाजार की उचित समझ है, व्यापार के लिए एक निर्धारित नियम है, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से व्यापार में उचित जोखिम प्रबंधन है, तो यह उन कारकों को बढ़ाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा, जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं और पर्याप्त रिटर्न उत्पन्न करने की हमारी संभावना को बढ़ा सकते हैं।
अब, इस राइट-अप के माध्यम से, हम ट्रेडिंग के जोखिम प्रबंधन (Risk Management) पहलू को समझने की कोशिश हम स्टॉप लॉस का उपयोग क्यों नहीं करते? करेंगे।
जोखिम प्रबंधन क्या है? What is Risk Management?
इसे सरल शब्दों में कहें तो, व्यापार के संदर्भ में जोखिम प्रबंधन (Risk Management) किसी भी व्यापार से जुड़े जोखिम की पहचान, प्रबंधन और नियंत्रण की प्रक्रिया है। जोखिम को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में सक्षम होने का सीधा सा मतलब है कि कोई व्यक्ति घटना के भविष्य के परिणामों को जितना संभव हो सके नियंत्रित करने में सक्षम है।
हम व्यापार से जुड़े जोखिम को पूरी तरह से समाप्त करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, लेकिन हम इसके प्रभाव को कम करने में सक्षम हो सकते हैं।
निम्नलिखित कुछ कारक हैं हम स्टॉप लॉस का उपयोग क्यों नहीं करते? जो व्यापार (Trading) करते समय जोखिम का आकलन करने में हमारी सहायता करते हैं:
- संदर्भ को समझने के लिए: मौजूदा व्यापार व्यवस्था को समझें और सोचे की कौन से परिदृश्य विचाराधीन व्यापार की ओर ले जा रहे हैं। और अगर हम ऐसा करने में सक्षम हैं तो हम व्यापार के साथ आने वाले जोखिम को समझने में सक्षम होंगे।
- जोखिम परिदृश्य: व्यापार की पहचान हो जाने के बाद, हमारे लिए यह समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि किन परिस्थितियों में व्यापार गलत हो सकता है और इससे जुड़े जोखिम को भी समझना जरुरी है।
- जोखिम की पहचान: इसका तात्पर्य उन विभिन्न कारकों से है जो बाजार से जुड़े जोखिम को लाते हैं और ये व्यापार की दुनिया को कैसे प्रभावित करते है। कारक ब्याज दरें बदल सकते हैं , केंद्र सरकार कुछ भी कदम उठा रही है जिसका बाजार पर प्रभाव पड़ता है या इसके कारन बाजार में एक साधारण व्यापार युद्ध हो सकता है।
ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन का महत्व : Importance of Risk Management in Trading
- ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात है, “अपने व्यापार की योजना बनाएं और अपनी योजना का व्यापार करें”
उचित जोखिम प्रबंधन निवेश (Investment) और व्यापार दोनों पर लागू होता है, लेकिन यदि आप एक व्यापारी हैं तो यह सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है। एक निवेशक के पास अपने पक्ष में समय होता है क्योंकि वह बाजार की दिशा में आगे बढ़ने के लिए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने में सक्षम होता है। लेकिन अगर आप एक व्यापारी हैं, तो आप आदर्श रूप से चाहते हैं कि व्यापार आपके पक्ष में जितनी जल्दी हो सके आगे बढ़े। और अगर ऐसा नहीं होता है, तो जोखिम प्रबंधन (Risk Management) सामने आ जाता है।
यदि बाजार को आपके वास्तविक लक्ष्य से पहले कड़ा प्रतिरोध (Support) मिल रहा है, तो अपने मुनाफे को बुक करने में कोई बुराई नहीं है और अगले ट्रेडिंग हम स्टॉप लॉस का उपयोग क्यों नहीं करते? अवसर की प्रतीक्षा करें। याद रखें, “हाथ में लाभ, किताबों में लाभ से बेहतर है”
Stop Loss Kaise Lagaye
ऐसे ट्रेडर जो स्टॉक मार्केट में ट्रेड की शुरुआत करने जा रहे हैं और उनके पास मार्केट के ट्रेंड को समझने का अनुभव नहीं है तो ट्रेडर के मन में नुकसान का डर सबसे ज्याादा होता है।
यह डर कभी-कभी इतना ज्यादा होता है कि लोग अपने ट्रेंडिंग के इरादों को भी बदल देते हैं। ऐसे ट्रेडर के लिए स्टॉप लॉस एक सहारे की तरह है जिससे वे अपने हिसाब से अपने लॉस को तय कर सकते हैं और प्रॉफिट को लॉक कर सकते हैं।
आइये जानते है कुछ ऐसे स्ट्रेटेजी जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में सही ट्रिगर प्राइस सेट करने में मदद करती है ।
Best Stop Loss Strategy in Hindi
Stop loss के बारे में अच्छी तरह समझने के बाद सवाल उठता है कि आखिर किस प्राइस पर Stop loss लगाया जाए, क्या इसके लिए कोई नियम है?
इन सवालों के जवाब के साथ ही आप Stop loss को लेकर एक अच्छी रणनीति तैयार कर सकते हैं। शेयर मार्केट का गणित का सही उपयोग कर आप स्टॉप लॉस की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
स्टॉप लॉस के फायदे
Stop loss लगाने के लिए ट्रेडर को अलग से कोई राशि नहीं देनी पड़ती है। इस तरह से देखा जाए तो ट्रेडर के लिए यह एक फ्री इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह है जो केवल फायदा ही पहुंचा सकती है नुकसान नहीं।
नए ट्रेडर को ट्रेड करने के लिए प्रोत्साहित करती है। नए ट्रेडर के सामने सबसे बड़ी चुनौती और मार्केट में उतरने का डर होता है कि कही वो अपने पैसे न गंवा दें। इसलिए Stop loss जोखिम को कम कर ट्रेडर का मार्केट में उतरने के निर्णय में मदद करता है।
ये आपके मार्केट संबंधी भ्रांतियों को दूर कर एक विश्वास प्रदान करता है। यदि कोई ट्रेडर अपनी उम्मीद के मुताबिक ही मार्केट में जोखिम उठाता है तो मार्केट के प्रति उसका विश्वास बढ़ता है।
स्टॉप लॉस के नुकसान
Stop loss के सबसे बड़े नुकसानों में से एक की बात करें तो मार्केट में आई कुछ समय की अस्थिरता पर भी यह सक्रिय हो जाते हैं क्योंकि हो सकता है कुछ समय अंतराल के बाद मार्केट में फिर से तेजी आ जाए।
ऐसे में ट्रेडर ज्यादा रिटर्न पाने की संभावना से वंचित रह जाता है। इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। मान लिया किसी ट्रेडर ने 120 में शेयर खरीदे और 108 का स्टॉप लॉस लगाया।
अब यदि मार्केट कुछ समय के लिए भी नीचे आया तो शेयर 108 में सेल हो जाएगा जबकि यह शेयर ट्रेडर को और भी ज्यादा बड़ा रिटर्न दे सकता था।
स्टॉप लॉस लगाने के लिए कोई स्थायी नियम नहीं है। अलग-अलग ट्रेडर अपने हिसाब से इसका उपयोग कर सकते हैं। एक और नुकसान की बात करें तो मार्केट ट्रेंड के हिसाब से स्टॉप लॉस में बदलाव नहीं किया जा सकता है।
निष्कर्ष
नए ट्रेडर के लिए Stop loss एक इंश्योरेंस की तरह तो है जो उनके जोखिम को खत्म कर उनके पैसे खोने के डर को खत्म करता है लेकिन लेकिन कभी-कभी यह नुकसान भी पहुंचाता है।
मार्जिन कैलकुलेटर का उपयोग कैसे करें पर एक पूर्ण गाइड
पिछले अध्याय में हम उन विभिन्न प्रकार के मार्जिन को समझ चुके हैं, जो फ्यूचर्स में कारोबार की शुरुआत के समय आवश्यक होते हैं। मार्जिन अंतर्निहित एसेट की अस्थिरता पर निर्भर करता है, यही कारण है कि ये हर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के लिए अलग- अलग होती है।
मार्जिन, व्यापारियों को लाभ उठाने में सक्षम बनाता है। यही कारण है कि मार्जिन फ्यूचर्स ट्रेडिंग में एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं। स्पॉट बाजार लेनदेन की तुलना में, मार्जिन ही है जो फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को वित्तीय रूप से रोचक बनाती है। इसलिए, मार्जिन और इसके पहलुओं को समझना आवश्यक है।
फ्यूचर्स और ऑप्शंस में व्यापार करते समय मार्जिन की अवधारणा को समझना आवश्यक है, जो सबसे महत्वपूर्ण अवधारणा है। यह सबसे महत्वपूर्ण क्यों है? ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आप एफ एंड ओ में कारोबार शुरू करते हैं तो आपको शुरुआती मार्जिन ब्रोकर को जमा करना होगा। प्रारंभिक मार्जिन हम स्टॉप लॉस का उपयोग क्यों नहीं करते? ब्रोकर को अस्थिरता के दौरान खरीदार या विक्रेता को हुए नुकसान से सुरक्षित रखता है।
हम स्टॉप लॉस का उपयोग क्यों नहीं करते?
ट्रेडर हमेशा मुनाफे की ओर देखता है लेकिन उसके मन में नुकसान का भय हमेशा सताता रहता है। ज़ेरोधा जैसे स्टॉकब्रोकर आपको स्टॉप लॉस जैसे विकल्प प्रदान करता है जिससे आप अपने नुकसान को सीमित करते हुए चल सकते है। तो आज इस लेख में हम जानेंगे how to set stop loss in Zerodha in hindi.
जब आप कोई शेयर या स्टॉक को खरीदते है तो उस स्थिति में आप सेल स्टॉप लॉस का उपयोग करते है, जिसे सेट करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप का अनुसरण करें:
- अपने अकाउंट पर अपनी डिटेल्स के साथ लॉगिन करें
- वॉचलिस्ट से अपने पसंद का स्टॉक चुने,जिसे आप खरीदना चाहते हैं।
- Buy ऑप्शन पर क्लिक करें।
- खरीदने वाली स्क्रीन पर जाकर मात्रा और कीमत तय करें।
- प्रोडक्ट टाइप चुने (इंट्राडे) और SL ऑप्शन पर क्लिक करें।
- सेल स्टॉप लॉस लगाने के लिए ट्रिगर प्राइस और स्टॉप लॉस वैल्यू डाले ।
- यहाँ पर ट्रिगर प्राइस की वैल्यू स्टॉप लॉस से ज़्यादा रखी जाती है।
- वैल्यू डालने के बाद आप लेफ्ट स्वाइप कर अपना आर्डर कन्फर्म करें ।
ज़ेरोधा में बाय स्टॉप लॉस कैसे लगाएं?
शार्ट-सेलिंग करते समय ट्रेडर को बाय स्टॉप-लॉस (Buy Stop Loss) ऑर्डर सेट करना होता है। यहां बाय स्टॉप लॉस एंट्री प्राइस या सेल प्राइस से ज़्यादा होता है ।
आइये जानते है की ज़ेरोधा की एप में आप सेल स्टॉप लोस्स आर्डर कैसे लगा सकते है:
- अपनी ज़ेरोधा एप्लीकशन पर क्लिक करें।
- उस स्टॉक को चुने जिसे आप शार्ट सेल करना चाहते।
- सेल विंडो (स्क्रीन) पर जाकर मात्रा, मूल्य, और प्रोडक्ट टाइप (intraday) चुने ।
- सेल ऑप्शन पर क्लिक करें और ट्रिगर वैल्यू एंटर करें, सेल स्टॉप लॉस के विपरीत यहाँ पर आपको ट्रिगर प्राइस स्टॉप लॉस वैल्यू से कम डालनी होती है ।
- साड़ी डिटेल डालने के बाद सेल आर्डर कन्फर्म करने के लिए स्क्रीन पर दिए ऑप्शन को लेफ्ट स्वाइप करें।
SL-M ऑर्डर के तहत ऑर्डर को ट्रिगर प्राइस पर एक्सक्यूट किया जाता है और ये मार्किट वैल्यू पर ही एक्सक्यूट हो जाता है।
इंट्राडे ब्रेकआउट्स
बड़ी वॉल्यूम्स पर तीव्र प्राइज़ गेन/फॉल
यह एक सरल स्कैन है जो उन स्टॉक्स को देखता है जो बड़ी वॉल्यूम्स के साथ तेजी से बढ़ रहे हैं या गिर रहे हैं। प्राइज़ गेन को पेर्सेंटेजेस में डिफ़ाइन किया जाता है और वॉल्यूम को एक सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) की तुलना में देखा जाता है।
पसंदीदा टाइमफ्रेम, सुबह 9.30 बजे 15/30 मिनट या दिन के मूवर्स चुनने के लिए 10 बजे 60 मिनट।
निर्णय लेने से पहले इस स्कैन के परिणामों का विश्लेषण किया जाना चाहिए।
मैं सुझाव दूँगा कि आप हम स्टॉप लॉस का उपयोग क्यों नहीं करते? इस विडियो वॉक-थ्रु को देखकर यह समझें कि मैं कैसे इस स्कैन का उपयोग करता हूँ।
हम आने वाले हफ्तों में आपको ब्रेकआउट्स के लिए स्कैनर्स के उपयोग के बारे में अधिक जानकारी देते रहेंगे।