अभी बिटकॉइन का क्या मोल है

सुरक्षा की गारंटी मिले तो यौन सम्बन्ध की मांग करने वालों के नाम बता सकती है ये हीरोइन
काम के बदले में यौन संबंधों की मांग बहुत पुरानी बीमारी है और अभी जारी हुई 2016 की अपराध रिपोर्ट के अनुसार भी इस तरह के मामलों की संख्या बहुत हैं । इस तरह के मामलों से रोजगार का कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है और अगर फ़िल्मी दुनिया की बात करे तो समय – समय पर कई कलाकार चर्चा में रहे हैं । फ़िल्मी दुनिया के जानकार इसे एक छिपा हुआ सच मानते हैं लेकिन आज तक किसी ने भी खुल कर बात नहीं की है । इसी तरह के मामले में इस बार हलचल मचाई है, फ़ुकरे रिटर्न्स में भोली का किरदार निभाने वाली अदाकारा ऋचा चड्ढा ने । ऋचा ने अपने ब्लॉग में लिखे यौन उत्पीड़न संबंधी अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा है कि अगर उन्हें सुरक्षा मिले तो वो इस पर खुल कर चर्चा करना चाहेंगी । ऋचा चड्ढा यौन शोषण के मामले पर बोलने वाली पहली महिला अभिनेत्री नहीं है, उनसे पहले कई अभिनेत्रियाँ इस तरह के आरोप लगा चुकी है जैसे अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने निर्माता निर्देशक राजकुमार संतोषी पर कास्टिंग काउच का आरोप लगाया था और हाल ही में स्वरा भास्कर ने भी काम के बदले ‘ सेक्सुअल फ़ेवर’ मांगने वाले एक निर्देशक की बात की थी,लेकिन उन्होनें खुल कर किसी का नाम नहीं लिया था ।
वैसे तो ऋचा भी इस पर खुल कर कुछ नहीं कह रही हैं परन्तु वो इसके पीछे सुरक्षा कारणों को बताती हैं । ऋचा कहती है कि वो स्वीकार करती है कि बॉलीवुड में काम के बदले में यौन शोषण होता है परन्तु किसी का नाम नहीं लिया जा सकता क्योंकि उसके बाद आपका बहिष्कार होगा काम मिलना बंद हो जायेगा, आखिर उनको भी घर चलाना है किसी का नाम लेकर वह अपनी इस दुनिया में जगह के लिए खतरा मोल नहीं लेना चाहती ।
ऋचा कहती है कि, “अगर आप मुझे जिंदगी भर पेंशन दें, मेरी सुरक्षा और मेरे परिवार का ख्याल रखें, यह सुनिश्चित करें कि मुझे फिल्मों और टीवी में काम मिलता रहेगा या मैं जो भी करना चाहूं अभी बिटकॉइन का क्या मोल है करती रहूं, मेरा करियर निर्बाध बढ़ता रहे तो मैं अभी नाम लूंगी । ” उन्होंने ये भी कहा कि, “केवल मैं ही नहीं और भी लोग है जो ऐसा करेंगे, लेकिन कौन ऐसा करेगा ?”
ये बीमारी सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड में भी आम है, हॉलीवुड के जाने माने निर्माता हार्वी विंस्टीन के ख़िलाफ़ चलाई गयी मुहिम के बाद फ़िल्मी दुनिया में महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीडन के मुद्दों पर चर्चा आम हो रही है और अब #MeToo पर बात करते हुए अक्टूबर में ऋचा ने भी इसमें शिरकत की लेकिन उन्होनें किसी का नाम नहीं लिया । हर बार जब कोई इस मुद्दे पर बोलता है तो प्रतिक्रियाएं होती है, नाम बताने के लिए कहा जाता है पर अक्सर कोई प्रेस को नाम नहीं बताता, अगर प्रेस को भी पता है कि कौन यह कर रहा तो वो क्यों नहीं बताते ?”
ऋचा ने कहा कि – “इंडस्ट्री की व्यवस्था और ढांचे को बदलने की जरूरत है, कलाकारों / अदाकारों के लिए रॉयल्टी नहीं होती है तो समुचित कानून के अभाव में कौन लेगा जोखिम ?”
अभिनेता सलमान ख़ान ने इस मामले में कहा कि उन्होनें ऐसा सुना है लेकिन अभी तक इस तरह का कोई मामला कभी उनके सामने नहीं आया और अगर ऐसा हुआ होता तो वो इस पर बहुत सख़्त कदम उठाते । इसी सन्दर्भ में शक्ति कपूर और अमन वर्मा पर भी कास्टिंग काउच ( काम के अभी बिटकॉइन का क्या मोल है बदले यौन सम्बन्ध ) का एक स्टिंग हुआ था लेकिन उस स्टिंग को साबित नहीं किया जा सका ।
बहुत सारे लोग इस तरह कि चर्चा को सस्ती पब्लिसिटी का जरिया भी कहते है तो अब ऋचा की बातें उनका दर्द बयां करती है या चर्चा में रहने का जरिया ये तो वो ख़ुद ही बता सकती है ।
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Nokia C30 के स्पेसिफिकेशन और रेंडर लीक: 6.8-इंच फुल HD+ डिस्प्ले के साथ आने की उम्मीद
Nokia C30 के स्पेसिफिकेशन और रेंडर लीक: 6.8-इंच फुल HD+ डिस्प्ले के साथ आने की उम्मीद, डिज़ाइन और कलर अभी बिटकॉइन का क्या मोल है ऑप्शन लॉन्च से पहले ही लीक हो गए हैं। लीक हुए रेंडर आगामी स्मार्टफोन के फ्रंट और बैक डिज़ाइन को दो रंगों में दिखाते हैं। एक रूसी रिटेलर लिस्टिंग ने Nokia C30 के स्पेसिफिकेशंस की भी जानकारी दी है। स्मार्टफोन को हाल ही में यूएस फेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन (FCC) पर भी देखा गया था, जिससे संकेत मिलता है कि स्मार्टफोन का लॉन्च आसन्न है। हालाँकि, Nokia लाइसेंसधारी HMD Global ने अभी तक Nokia C30 के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है।
Nokia C30 की लीक हुई तस्वीरों को Nokiapoweruer ने शेयर किया था। रेंडरर्स से पता चलता है कि स्मार्टफोन के दो कलर ऑप्शन- ग्रीन और व्हाइट में आने की उम्मीद है। डुअल रियर कैमरा सेटअप एक गोलाकार कैमरा मॉड्यूल में स्थित है जिसमें सर्कल के बाहर फ्लैश रखा गया है। नीचे एक गोल फिंगरप्रिंट स्कैनर लगा है। आगे की तरफ, फोन सेल्फी कैमरा के लिए वाटरड्रॉप-स्टाइल नॉच और नोकिया ब्रांडिंग के साथ एक मोटी ठुड्डी को स्पोर्ट करता है।
नोकिया C30 विनिर्देशों
एक रूसी रिटेलर साइट, 4Dealer पर Nokia C30 की लिस्टिंग से पता चलता है कि स्मार्टफोन एंड्रॉइड 11 चलाएगा और 6.82-इंच फुल-एचडी + (1,080×2,400 पिक्सल) डिस्प्ले और 20.5: 9 पहलू अनुपात को स्पोर्ट करेगा। यह एक अज्ञात हेक्सा-कोर 1.60 गीगाहर्ट्ज चिपसेट द्वारा संचालित होने की उम्मीद है जिसे 3 जीबी रैम के साथ जोड़ा गया है। Nokia C30 में 64GB ऑनबोर्ड स्टोरेज होने की भी उम्मीद है जिसे माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए बढ़ाया जा सकता है। इसमें 6,000mAh की बैटरी हो सकती है।
रूस-यूक्रेन युद्ध: 13,300 भारतीयों की हुई वापसी, फंसे हुए छात्रों को घर में रहने की सलाह
रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से 20,000 से अधिक भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़ चुके हैं, लेकिन अभी भी 700 छात्र सुमी में फंसे हैं। इसी बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने वहां फंसे छात्रों को सुरक्षा के लिए घरों में ही रहने की सलाह दी है। इधर, सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत अब तक 10,300 नागरिकों को भारत लाया जा चुका है। वर्मतान में खारकीव शहर में कोई भी भारतीय नहीं बचा है।
अकेले ही सीमा की ओर रवाना हो रहे थे भारतीय छात्र
यूक्रेन के उत्तर-पूर्वी शहर सुमी में फंसे भारतीय छात्रों ने कई वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए हैं। इनमें उन्होंने कहा कि वो खतरा उठाते हुए अकेले ही रूस की सीमा की ओर बढ़ रहे हैं, जो करीब 50 किलोमीटर दूर है। उनका कहना है कि यह सुमी में उनका आखिरी वीडियो है। यदि उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए भारत सरकार औऱ दूतावास जिम्मेदार होगा। हालांकि, दूतावास के संर्पक करने के बाद उन्हें जाने से रोक दिया गया।
विदेश मंत्रालय ने छात्रों को दी घरों में ही रहने की सलाह
इन वीडियो के आने के बाद विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए सभी छात्रों को घरों के भीतर ही सुरक्षित रहने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमने सभी छात्रों को सुरक्षा संबंधी सभी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। उन्हें बंकरों औऱ शरण के अन्य स्थानों पर रहने को कहा गया है औऱ किसी भी प्रकार का जोखिम मोल लेकर कहीं भी अकेले न जाने की सलाह भी दी है।"
पिछले 24 घंटे में हुई 2,900 नागरिकों की वापसी- बागची
बागची ने कहा, "ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत अब तक करीब 13,300 भारतीय नागरिकों की वापसी हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 15 उड़ानों के जरिए करीब 2,900 नागरिकों को वापस लाया गया है।" उन्होंने कहा, "अगले 24 घंटों में 13 उड़ानों से करीब 2,500 नागरिकों को वापस लाया जाएगा। वर्तमान में यूक्रेन के खारकीव शहर में कोई भी भारतीय नहीं बचा है। ऐसे में सरकार ने अब पूरा ध्यान सुमी पर केंद्रित कर दिया है।"
युद्ध विराम के लिए दबाव बना रही है सरकार- बागची
बागची ने कहा, "सरकार रूस और यूक्रेन की सरकार से कई बार कई चैनलों के जरिये वार्ता करते हुए तुरंत ही युद्धविराम लागू करने का दबाव बना रही है। इसके अलावा छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए मानवीय गलियारा भी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।" उन्होंने कहा, "विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास लगातार छात्रों से संपर्क साध रहे हैं और उनकी मदद के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।सुमी में फंसे छात्रों को जल्द ही लाया जाएगा।"
विदेश सचिव ने की यूक्रेन से बात
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यूक्रेन के उप विदेश मंत्री से बात कर देश के पूर्वी हिस्से से भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में मदद मांगी है। उन्होंने खारकीव में मारे गए भारतीय छात्र के शव की वापसी के इंतजाम को लेकर भी बातचीत की।
नागरिकों की निकासी के लिए रूस ने किया सीजफायर का ऐलान
इधर, रूस ने यूक्रेन के मरियोपाोल और वोल्नोवाखा शहर से लोगों की सुरक्षित निकासी के लिए अस्थायी सीजफायर का ऐलान किया है। रूस ने कहा कि उसकी सेना मॉस्को के समयानुसार 10 बजे से गोलीबारी रोक देगी। बता दें कि रेड क्रॉस की अगुवाई में दोनों देशों के बीच हुई बातचीत में दोनों शहरों से 2.15 लाख लोगों की सुरक्षित निकासी के लिए सीजफायर और मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए विशेष कॉरिडोर बनाने पर सहमति बनी है।
629 छात्रों को लेकर लौटे वायुसेना के तीन विमान
भारतीय वायुसेना के तीन विमान यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीय छात्रों को लेकर दिल्ली लौटे हैं। वायुसेना ने बयान जारी कर बताया कि इन तीनों विमानों में रोमानिया, स्लोवाकिया और पोलैंड से 629 छात्रों को भारत लाया गया है। जाते समय इन विमानों के जरिये 16.5 टन राहत सामग्री भेजी गई थी। 'ऑपरेशन गंगा' के तहत वायुसेना अब तक 10 उड़ानों में 2,000 से अधिक नागरिकों को भारत ला चुकी है।
यूक्रेन में युद्ध की क्या स्थिति?
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का आज 10वां दिन है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत ने कहा कि रूसी सेना यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े परमाणु संयंत्र की तरफ बढ़ रही है और इससे महज 32 किलोमीटर दूर है। दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने 'नो-फ्लाई जोन' घोषित न करने के लिए NATO की आलोचना करते हुए उसने रूस को शहरों और गांवों पर बम गिराने की हरी झंडी दिखा दी है।
रहस्य से भरा मध्यप्रदेश के ग्वालियर का किला
मध्य भारत विंध्यांचल के पहाड़ों का इलाका है। किले बनाने के लिए इसलिए पहाड़ी चुनी जाती थी क्योंकि ऊंचाई से दूर-दूर तक नजर रखी जा सकती है और शासकों को हमेशा हमले का डर रहता है इसीलिये उन्हें नज़र रखने के लिये जगह चुनना पड़ती थी। मध्य भारत के ग्वालियर की कोपगिरी पहाड़ी पर बना हुआ है गवालियर का भव्य किला। 2.5 km लम्बी व 1 km सकरी पहाड़ी पर बनाया गया है ग्वालियर का किला। किले की भव्यता को हिंदुस्तान के सबसे बेहतरीन किलों में गिना जाता है।
सबसे ज़्यादा शासकों ने राज किया
ग्वालियर पर बने इस किले पर बहुत से शासकों ने राज किया। इतने शासकों ने शायद ही किसी और क़िले पर शासन किया होगा। हिंदू, अफ़गानों, अंग्रेजों, दुर्ग, मुगलों और मराठों ऐसे कई अलग-अलग धर्मों के शासकों ने इस क़िले पर शासन किया। इस किले में 1300 साल पुराना रहस्य पाया जाता है। माना जाता है 7 से 15 शताब्दी तक के बीच जैन धर्म के गुफा मंदिर में मूर्तियां बनाई गई थी जिसमें 58 फीट ऊंची आदित्यनाथ की मूर्ति इसका मौजूदा नमूना है। 2.5 कि.मी. मीटर लंबा व 1 किलो मीटर चौड़ा है ये किला। यहां की मीनारे 104 मीटर लंबी है, जो कि ज्यादातर खड़ी व सीधी हैं। यह किला सबसे खूबसूरत ऐतिहासिक इमारतों में गिना जाता है। भारत के पहले मुगल बादशाह बाबर ने इस किले को ‘भारत के किलो के हार में जड़ा मोती’ कहा था। महल की कारीगरी अपने टाइल के काम के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ की शिल्पकारी की गिनती प्रसिद्ध इमारतों में की जाती जाती है। हर पतथर पर एक रहस्मयी तरास्कारी है।
महल का रहस्य
मान मंदिर 1686 में तोमर वंश के राजा ने बनवाया था। दुर्ग, पठान अफगान, मुगलों के राज के बाद यह किला रहस्य से जुड़ अभी बिटकॉइन का क्या मोल है गया। इस किले में है एक अंधेरा तहखाना जहां का रास्ता जेल तक जाता है कहा जाता है। यहाँ कैदियों की चीख सुनाई देती हैं और यह रास्ता कालकोठरी का है जहां बदबूदार अंधेरी लगी रहती है। यहां पर जिसे भी ले जाया जाता है उसके लिए जीवन तो नहीं ज्यादातर मौत ही संभव होती है और उन्हें मुगल अफीम खिलाते थे। जिससे उनकी जिंदगी बत्तर हो जाती थी उस कालकोठरी में जाने के बाद जो बादशाहों के करीबी थे।
जो पसंदीदा थे वह महलों में रहते थे और जिनपर बादशाह भड़क जाते थे उनकी ज़िन्दगी मौत में बदल जाती थी। बादशाह कभी रिश्तों को नहीं देखते थे। उन्हें जिस पर भी गुस्सा आता, वह उन्हें ले जाकर उसी अंधेरी कालकोठरी में डाल देते थे। मान मंदिर के नीचे अभी बिटकॉइन का क्या मोल है बने हॉल में कैदियों को यातना दी जाती थी। यहां पर कैदियों को लोहे के बने छल्लो से लटकाया जाता था। मुगलों का रिश्तेदार होना ज्यादातर अपने ऊपर मुसीबत मोल लेना ही था। इनकी न लाश किले से बाहर आती थी या कहां जाती थी इसका किसी को पता नहीं है। यह अभी भी रहस्य ही है। इस किले में मुगलों के राज के बाद बहुत सारे रहस्य दफन है जो कि आज तक किसी को नहीं पता।