क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई

क्रिप्टोकरेंसी में आएगी भारी गिरावट, बिटकॉइन 25 फीसदी और टूट सकती है
मुंबई- क्रिप्टोकरेंसी के सबसे बड़े एक्सचेंजों में से एक एफटीएक्स के दिवालिया होने से क्रिप्टो निवेशक सकते में हैं। एफटीएक्स के दिवालिया होने से यह ट्रिलियन डॉलर की इंडस्ट्री बुरी तरह हिल गई है। लेकिन निवेशकों का दुख अभी खत्म नहीं हुआ है। क्रिप्टो निवेशकों को अभी और दर्द सहना होगा। जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना हैं कि आने वाले हफ्तों में बिटकॉइन में 25 फीसदी की और गिरावट आ सकती है। इससे दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज भी औंधे मुंह गिर सकती हैं।
फेडरल रिजर्व की बात करें, तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी के अलावा यह जून से लगातार अपनी बैलेंस शीट को भी छोटा कर रहा है। यह महंगाई के खिलाफ अपनी लड़ाई में इकनॉमी को कूल करने के लिए वित्तीय बाजारों से पैसा निकाल रहा है। इसका मतलब है कि बाजार से लिक्विडिटी कम हो रही है। यह केवल क्रिप्टो के लिए ही बुरा नहीं है, बल्कि स्टॉक्स जैसी दूसरी एसेट क्लास के लिए भी यह सही नहीं है।
कुल मिलाकर बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह काफी बुरा समय चल रहा है। सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की वैल्यू एक साल में 75 फीसदी से अधिक गिर गई है। हालांकि, मंगलवार को यह बढ़त के साथ 16,675 डॉलर के करीब ट्रेड करती दिखाई दी। कोरोना महामारी के समय लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में जमकर पैसा लगाया था। इसका कारण था अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा बाजार में जमकर क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई लिक्विडिटी लाना। फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को जीरो के करीब ले आया था। लेकिन अब यह काफी पुरानी बात हो गई है।
हाल क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई के महीनों में महंगाई काफी बढ़ी है। ब्याज दरें बहुत ऊपर जा चुकी हैं और बाजार में लिक्विडिटी धीरे-धीरे कम हो रही है। यह स्थिति डिजिटल एसेट्स के लिए अच्छी नहीं है, क्योंकि एक्सपर्ट्स के अनुसार डिजिटल एसेट्स में लोग अपना अतिरिक्त पैसा ही निवेश करते हैं।
जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना है कि फेड की नीतियों से अगले साल भी निवेश के लिए नकदी की उपलब्धता पर भारी दबाव रहेगा। इसके अनुसार, आने वाले वर्षों में भी ग्लोबल मनी ग्रोथ में मंदी जारी रहेगी। कम पैसे का मतलब है रिस्क बढ़ना। इसलिए निवेशक क्रिप्टो से बाहर निकल रहे हैं।
बिग टेक जैसे दूसरे संवेदनशील सेक्टर्स भी इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। आईटी सेक्टर में हम इस समय छंटनी देख रहे हैं। इसका कारण है कि यह सेक्टर मंदी की चपेट में आ रहा है। एपल, अल्फाबेट और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक्नोलॉजी कंपनीज में गिरावट है। इन कंपनियों का एसएंडपी 500 में बड़ा हिस्सा है। फेड पॉलिसी में बदलाव से यूएस हाउसिंग मार्केट इंडस्ट्री भी काफी प्रभावित हुई है।
हालांकि, पिछले हफ्ते चीन ने क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई कोविड प्रतिबंधों में ढील दी। इससे बाजार में सकारात्मक रुख दिखा है। युआन एक महीने के उच्च स्तर पर आ गई है। हांगकांग में लिस्ट ट्रैवल कंपनियों के शेयरों में भी तेजी दिखी। चीनी अथॉरिटीज देश के रियल एस्टेट संकट को खत्म करने की कोशिश कर रही है, जिसने पिछले एक साल से इकनॉमी को बुरी तरह प्रभावित किया है।
क्रिप्टोकरेंसी : पीएम मोदी के हस्तक्षेप की नौबत क्यों आयी?
क्रिप्टोकरेंसी को देश में भले ही पूरी तरह से बैन ना किया जाए, लेकिन इससे होने वाले खतरों पर केंद्र सरकार की पूरी नजर है. जैसे कि मनी लांड्रिंग या फिर आतंकवादी घटनाओं की फंडिंग से लेकर ड्रग्स माफिया के अवैध कमाई को छुपाने के लिए भी इसका प्रयोग विश्व स्तर पर किया जा रहा है.
संयम श्रीवास्तव | Edited By: सुष्मित सिन्हा
Updated on: Nov 14, 2021 | 4:09 PM
आज की युवा पीढ़ी तेजी से अमीर बनना चाहती है. बिना यह जाने समझे कि तेजी से अमीर बनने का रास्ता कितना खतरनाक है. आजकल लोगों को तेजी से अमीर बनाने का काम कर रहे हैं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) वाले. आए दिन आप इंटरनेट पर और टीवी चैनलों पर ऐसे तमाम गैर पारदर्शी विज्ञापन देखते हैं, जिनमें झूठे वादे करके युवाओं को गुमराह किया जाता है. लेकिन अब शायद भारत में ऐसा नहीं हो पाएगा. क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इन्हीं मुद्दों से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की है और इस बैठक से जो खबर निकल कर आई है, वह सुकून देने वाली है. क्योंकि इस बैठक में यह फैसला लिया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर किए जा क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई रहे झूठे वादों और गैर पारदर्शी विज्ञापनों के जरिए जिस तरह से युवा पीढ़ी को गुमराह किया जा रहा है, उस पर एक्शन लिया जाएगा.
दूसरी बात यह कि प्रधानमंत्री की यह बैठक रिजर्व बैंक वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय की संयुक्त परामर्श प्रक्रिया के बाद हुई है. जिसमें इन मंत्रालयों ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनिया भर के एक्सपर्ट से इस बारे में चर्चा की थी. प्रधानमंत्री क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई की अध्यक्षता में की गई इस बैठक में फैसला लिया गया है कि इस अस्थाई क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल नहीं होने दिया जा सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विधेयक लाने जा रही है केंद्र सरकार
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार तेजी से फल-फूल रहा है. युवा जल्दी से अमीर बनने के लिए बिना क्रिप्टोकरेंसी की बुनियादी समझ के भी इसमें फटाफट पैसा लगा रहे हैं. वह भी तब जबकि रिजर्व बैंक पिछले दरवाजे से क्रिप्टोकरेंसी की खरीद फरोख्त बंद करने की कोशिश कर चुका है. खबर है कि भारत सरकार जल्द ही इस क्रिप्टो ट्रेड्स को रेगुलेट करने के लिए एक विधेयक ला सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को जिस बैठक की अध्यक्षता की गई इसमें इस वर्चुअल करंसी मार्केट से जुड़ी तमाम चिंताओं को सामने रखा गया. और भविष्य में भारत इस पर क्या रुख अपनाएगा इस पर भी विचार किया गया. केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में ही क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड्स को रेगुलेट करने के लिए एक विधेयक पेश करने की योजना बनाई थी. लेकिन फिलहाल यह पेश नहीं हो पाया. हालांकि अब जो संकेत मिल रहे हैं, उसे देखकर उम्मीद की जा रही है कि आने वाले शीत सत्र में क्रिप्टोकरेंसी के लिए विधेयक पेश किया जा सकता है.
पूरी तरह बैन नहीं होगी क्रिप्टोकरेंसी
चीन ने अपने देश में क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बैन कर दिया है. लेकिन भारत फिलहाल इसे पूरी तरह से बैन करने के बारे में नहीं सोच रहा है. सरकार क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े खतरों को जरूर समझ रही है. लेकिन इससे निपटने के लिए वह इसे बैन नहीं करने वाली है. बल्कि सरकार इसको लेकर प्रोएक्टिव स्टेप उठाने की सोच रही है. यानि कि एक बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग के बाद जो जानकारी बाहर निकल कर आई, उससे पता चलता है कि मीटिंग के दौरान इस बात पर भी जोर दिया गया कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर और उसके भविष्य को देखते हुए कुछ प्रगतिशील कदम उठाए जाना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले खतरों के लिए उठाए जाएंगे कुछ कदम
भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को इंडिया में भले ही पूरी तरह से बैन ना करे, लेकिन इससे होने वाले खतरों पर उसकी पूरी नजर है. जैसे कि मनी लांड्रिंग या फिर आतंकवादी घटनाओं की फंडिंग से लेकर ड्रग माफिया के अवैध कमाई को छुपाने के लिए भी इसका प्रयोग विश्व स्तर पर किया जा रहा है. इसीलिए केंद्र सरकार और अलग अलग मंत्रालय समेत रिजर्व बैंक भी इन खतरों से निपटने के लिए दुनिया के जाने माने विशेषज्ञों से सलाह ले रही है. नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक से जो खबर निकल कर आई उसके अनुसार अनुमान है कि आने वाले समय में भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे को टैक्स के दायरे में ले आने की कोशिश करे. अगर ऐसा हुआ तो मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग जैसे खतरों को कम करने में मदद मिलेगी.
अमेरिका और रूस के बाद सबसे ज्यादा क्रिप्टो मालिकों की संख्या भारत में
ब्रोकर डिस्कवरी ऑफ कंपैरिजन प्लेटफार्म ‘ब्रोकर चूज़र’ की हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया कि भारत लगभग 10 करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो मालिकों क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई की संख्या के साथ दुनिया में अमेरिका और रूस के बाद तीसरे स्थान पर है. इसके साथ ही भारत में कुल क्रिप्टो सर्चेज़ की संख्या लगभग 36 लाख के आसपास है. जबकि क्रिप्टो अवेयरनेस स्कोर में भारत को 10 में से 4.39 अंक क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई हासिल हैं. इस मामले में यूक्रेन 7.97 अंकों के साथ सबसे ऊपर है. इसके बाद रूस, अमेरिका, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और यूके का स्थान है.
इसे ऐसे समझिए कि पिछले 12 महीनों में कुल ग्लोबल सर्चेज़, क्रिप्टो मालिकों की संख्या, ग्लोबल क्रिप्टो अडॉप्शन इंडेक्स और अन्य कई फैक्टर्स के आधार पर भारत सातवां सबसे ज्यादा क्रिप्टो अवेयर देश है. भारत ने इस मामले में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है. हालांकि भारत को भी और जागरूक बनना होगा. क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी जितना आसान दिखता है असल में इतना आसान है नहीं.
Google Pay New Feature: जल्द ही Google Pay पर मिल सकती है क्रिप्टरोकरेंसी से पेमेंट की सुविधा, कंपनी ने शुरू किया काम
Google Pay : क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच गूगल ने एक स्पेशल टीम बनाई है जो क्रिप्टोकरेंसी पर काम करेगी. रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य में गूगल पे पर क्रिप्टो से पेमेंट का ऑप्शन मिलेगा.
By: ABP Live | Updated at : 23 Jan 2022 11:50 AM (IST)
Edited By: mukeshb
Google Pay working on Crypto : गूगल पे (Google Pay) यूजर्स के लिए अच्छी खबर है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इस प्लेटफॉर्म पर आपको क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) से पेमेंट की भी सुविधा मिलेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल (Google) ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) पर काम कर रहा है. इसके क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई लिए कंपनी ने एक अलग यूनिट ही तैयार की है. इस टीम ने इसे लेकर काम भी शुरू कर दिया है. हालांकि गूगल (Google) की तरफ से अभी इस पर काम करने को लेकर कोई भी जानकारी नहीं दी गई है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
गूगल लैब करेगी भविष्य पर काम
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी मैनेजमेंट ने पिछले दिनों ही इस खास विंग का गठन किया है. इस यूनिट को गूगल लैब (Google Lab) का नाम दिया गया है. इस यूनिट की करीब एक दशक से मौजूदगी है. गूगल लैब्स कंपनी की ओर से लाए गए नए प्रोजेक्ट्स पर काम करती है. हालांकि यह नई यूनिट पुराने गूगल लैब से अलग है. यह पहले वाले लैब की तरह पब्लिक न होकर इंटरनल ग्रुप की तरह काम करेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह यूनिट 'ब्लॉकचेन और दूसरी नेक्स्ट-जेन डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग एंड डेटा स्टोरेज टेक्नोलॉजी' पर फोकस करेगी. इंजीनियरिंग वाइस प्रेजिडेंट फॉर गूगल शिवकुमार वेंकटरमन को इस यूनिट के 'फाउंडिंग लीडर' की जिम्मेदारी दी गई है.
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कई पेमेंट गेटवे पर मिल रहा विकल्प
बता दें कि कई पेमेंट गेटवेज (Payment Gateway) यूजर्स को क्रिप्टो (Crypto) पेमेंट्स का विकल्प दे रहे हैं. मेटा (Meta) ने भी इस पर काम शुरू कर दिया है. क्रिप्टोकरेंसी की लगातार बढ़ रही पॉपुलैरिटी को देखते हुए अब गूगल ने भी इसकी ओर कदम बढ़ा दिया है.
Published at : 23 Jan 2022 11:50 AM (IST) Tags: Cryptocurrency Paytm Online Payment UPI Google Pay PhonePe हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Technology News in Hindi
क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट करके पिएं मसाला चाय और लें बिरयानी का स्वाद, इस कैफे में सुविधा
ब्रिटेन की राजधानी लंदन स्थित एक कैफे में क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट की सुविधा शुरू हो गई है। बीबीसी टेलीविजन सेंटर और एक फेमस शॉपिंग मॉल के पास चाय अड्डा नाम से यह कैफे दूर से भी दिखाई देता है।.
ब्रिटेन की राजधानी लंदन स्थित एक कैफे में क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट की सुविधा शुरू हो गई है। बीबीसी टेलीविजन सेंटर और एक फेमस शॉपिंग मॉल के पास चाय अड्डा नाम से यह कैफे दूर से भी दिखाई देता है। कैफ में एक कप मसाला चाय के साथ बैठे जॉयलॉन ने कहा ,"यह बहुत ही खूबसूरत देसी जगह हैं, जो कि पिछले कुछ महीनों में हमारे पड़ोस में बनाई गई है। हम यहां आना चाहते थे, लेकिन हमें नहीं पता था कि वे क्रिप्टोकरेंसी भी एक्सेप्ट करते हैं।"
चाई अड्डा खोलने का आइडिया 26 वर्षीय तैयब शफीक को आया। वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग की क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई पढ़ाई कर चुके हैं। शफीक ने कहा, "मैकेनिकल इंजीनियर और व्यवसायी परिवार में बड़ा होने के नाते मैं ऐसा कुछ करना चाहता था। मैं इसके जरिए सभी को एकजुट करना चाहता था। चाय अदा क्रिप्टो कैफे कुछ ऐसा है, जो इसे पूरा करता है।"
क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट के लिए कैफे ने ऐप बनाया
चाय अड्डा कश्मीरी गुलाबी चाय, मसाला चाय, बिरयानी और वड़ा पाव सहित कई अन्य चीजें परोसता है। यहां किसी भी वॉलेट से नकद, कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट किया जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट लेने के लिए कैफे ने एक ऐप बनाया है। तैयब शफीक ने कहा, "बड़े सिक्कों की गैस फीस और लेनदेन शुल्क को कम करने के लिए हम अपने ग्राहकों को रिपल, लाइटकोइन और डोगे में पेमेंट का विकल्प प्रदान कर रहे हैं।"
फोन पर ट्रांजैक्शन करना जितना आसान
कैफे का कामकाज देखने वाले राणा ने समझाया कि यह आपके क्रिप्टो वॉलेट से हमारे पास फोन पर ट्रांजैक्शन करना जितना आसान है। राणा ने बताया कि लोग नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) का इस्तेमाल कर रहे हैं। एनएफटी यूनिक कोड वाले ट्रेडिंग कार्ड की तरह हैं, जिनसे किसी व्यक्ति को कैफे से डिजिटल आर्ट जैसी अपनी वर्चुअल संपत्ति खरीदने की सुविधा मिलती है।