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बॉन्ड और एन.सी.डी में निवेश करें

एन.सी.डी उन निवेशकों के लिए वन-स्टॉप समाधान है जो निर्धारित अवधि के लिए निश्चित और उच्च ब्याज दर देख रहे हैं। इसमें कम जोखिम है जिसे उच्च रेटिंग वाली कंपनियों के एन.सी.डी में निवेश करके प्रबंधित किया जा सकता है।

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पूंजी लाभ बॉन्ड

रूरल निवेश करें इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ( रिक )

पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ( पी.एफ.सी )

इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ( आई.आर.एफ.सी )

ब्लॉग्स

How to invest in gold exchange traded funds

Best Way to Invest in Sovereign Gold Bonds

When do Bonus Shares get credited in Demat Account

बॉन्ड एफ.ए.क्यू

पूंजी बॉन्ड क्या हैं?

एक पूंजी बॉन्ड एक निश्चित प्रतिलाभ साधन है। आप एक अंकित मूल्य के साथ बॉन्ड में निवेश करते हैं और आपको बॉन्ड के अंकित मूल्य पर ब्याज का भुगतान किया जाता है। जब आप बॉन्ड को रीडीम करते हैं तो आपको जो मिलता है वह अंकित मूल्य होता है। बॉन्ड को नियमित समय अंतराल पर ब्याज का भुगतान करना पड़ता है और बॉन्ड के मैच्योर होने के बाद बॉन्ड को तुरंत ऋण मुक्त करवाना पड़ता है।

मैं कैपिटल गेन बॉन्ड में कैसे निवेश करता हूँ?

करदाता इन बॉन्ड में व्यय किए गए अधिकतम 50 लाख रुपये का निवेश कर सकता है। 54ec बॉन्ड (एन.ए.आई, आर.ई.सी, पी.एफ़.सी) के जारीकर्ता के अनुसार ब्याज दर 5.25% है जो वार्षिक रूप से देय है।

पूंजी लाभ बॉन्ड के लिए लॉक-इन अवधि क्या है?

पूंजी लाभ बॉन्ड के लिए निवेश करें लॉक-इन अवधि 5 वर्ष है।

मुझे 54ई.सी बॉन्ड में निवेश कब करना चाहिए?

54ई.सी बॉन्ड विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए हैं जो दीर्घावधि पूंजी लाभ अर्जित करते हैं और इन लाभों पर कर छूट चाहते हैं।

54ई.सी- पूंजी लाभ बॉन्ड के सेक्शन के लिए अधिकतम निवेश सीमा क्या है?

54ई.सी बॉन्ड में निवेश करने की अधिकतम सीमा प्रति वित्तीय वर्ष 50 लाख है और न्यूनतम निवेश 20 लाख और 10 लाख है।

भारत निवेश पोर्टल - भारत में निवेश करने से संबंधित जानकारी प्राप्त करें

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निवेशकों के लिए भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के विकल्प मौजूद हैं। आप आधारिक संरचना, औषधनिर्माण, ऑटोमोबाइल, शिक्षा एवं कई अन्य क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। आप भारत के बारे में, यहाँ की निवेश नीतियों एवं इससे संबंधित उपलब्ध अवसरों, संयुक्त उद्यमों एवं भारत में व्यापार करने संबंधी अन्य जानकारियाँ यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। भारत में निवेश करने से संबंधित विभिन्न सर्वेक्षणों एवं विश्लेषणों, भारतीय निवेश विवरणिका एवं संदर्शिका (गाइड) इत्यादि की भी जानकारी यहाँ दी गई है।

इस Children’s Day को अपने बच्चों के लिए बनाएं खास, करें उनके भविष्य में निवेश

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। बाल दिवस देश के पहले प्रधानमंत्री बच्चों के चाचा नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष्य में 14 नवंबर को पूरे देश में मनाया जाता है। लेकिन एक बात जो हम चाचा नेहरू से सीख सकते हैं वो है दूरदर्शिता। देश की बागडोर संभालते समय उन्होंने जो दूरदर्शी कदम उठाए उन्हीं की बदौलत आज हमारा देश विश्व में अपनी अलग पहचान बना पाया है। इनमें प्रमुख है उनका शिक्षा व इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश। तो इस Children’s Day को अपने बच्चों के लिए खास बनाने के लिए क्यों न आप भी उनके भविष्य, उनकी शिक्षा व उनके करियर पर निवेश करें। आइये जानते हैं 5 ऐसे खास निवेश के तरीके जिससे आप इस Children’s Day को अपने बच्चों के लिए एक शानदार तोहफा दे सकते हैं।

Investing in these three sectors of the stock market gives good returns

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इक्विटी म्यूचुअल फंड

Children’s Day पर इसमें निवेश आपके बच्चे के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित कर सकता है। बढ़ती मंहगाई आज के समय की एक बड़ी समस्या है, खासतौर पर शिक्षा के क्षेत्र में मंहगाई से हर अभिभावक जूझ रहा है। हर साल शिक्षा पर किया जाने वाला खर्च लगभग 10% की तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में चाइल्ड म्यूचुअल फंड आपके बच्चे की शिक्षा को सुरक्षित कर सकता है। साथ ही ये मंहगाई की समस्या से भी निजात दिलाता है।

Investing in these two sectors will be helpful to get good returns in a short time

सुकन्या समृद्धि योजना

यह एक सरकारी योजना है जिसका चयन आप अपनी बेटी के अच्छे भविष्य के लिए कर सकते हैं। इस योजना के तहत आप जन्म से 10 साल तक की उम्र के अंदर अपनी बेटी के निवेश करें लिए खाता खुलवा सकते हैं। इसके लिए आप किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर आसानी से खाता खुला सकते हैं। इस योजना में 7.6% तक का ब्याज मिलता है। निवेश करें आप इसमें साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं। यह स्कीम लड़की के 21 साल की होने पर मैच्योर होती है।

Stock Market Investment: Derivatives Market, Know all Details

PPF स्कीम

पब्लिक प्रोविडेंट फंड भी निवेश की एक अच्छी स्कीम है। यह अच्छे रिटर्न के साथ टैक्स में भी छूट दिलाता है। इस स्कीम की खास बात है कि यह स्कीम कम से कम 15 सालों के लिए होती है, जिसे आप बाद में 5-5 सालों के लिए बढ़ा सकते हैं। वर्तमान समय में इस स्कीम पर लगभग 7.1 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है।

Nifty 50 के शेयर्स

Nifty 50 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड टॉप 50 कंपनियां होती हैं। टॉप 50 कंपनियों का निर्धारण कई पहलुओं को जांच कर किया जाता है। जिसकी वजह से टॉप 50 में निवेश करें आने वाली कंपनियां अच्छी मानी जाती हैं। अगर आप इसके कुछ शेयर्स अपने बच्चों के लिए खरीदते हैं तो उनके भविष्य के लिए ये एक अच्छा निवेश साबित होता है।

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Investment Tips : विदेशी शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले समझें जरूरी बातें, फिर यूं करें शुरुआत

विदेशी बाजार में पैसा लगाने से पहले कुछ जरूरी बातें जरूर समझ लें.

विदेशी बाजार में पैसा लगाने से पहले कुछ जरूरी बातें जरूर समझ लें.

निवेशक जागरूक हुए हैं और डायवर्सिफिकेशन के लिए विदेशों बाजारों में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं. आरबीआई के आंकड़ों को देख . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 24, 2022, 17:30 IST

हाइलाइट्स

भारत के लोगों का विदेशी बाजारों में निवेश लगाता बढ़ रहा है.
तकनीक ने ओवरसीज़ निवेश करना काफी आसान बना दिया है.
भारत में कई म्यूचुअल फंड हाउस विदेशी निवेश का विकल्प मुहैया कराते हैं.

नई दिल्ली. निवेशक इन दिनों विदेशी शेयरों में भी निवेश कर रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आंकड़ों के हिसाब से 2021-22 में भारतीयों ने 19,611 मिलियन डॉलर का निवेश विदेशी बाजारों में किया है. इससे पिछले साल यह महज 12,684 मिलियन डॉलर था.

भारत सरकार की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत एक भारतीय एक वित्त वर्ष में 2,50,000 (ढाई लाख) डॉलर विदेश भेज सकता है. रिजर्व बैंक ने समय के साथ इस सीमा में बढ़ोतरी की है. साल 2004 में जब यह स्कीम शुरू हुई थी, तब इसकी सीमा महज 25 हजार डॉलर थी. म्यूचुअल फंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश करना आसान हो गया है. इसका प्रोसेस कुछ यूं है…

यहां एक महत्वपूर्ण बात ये है, चूंकि आपने भारतीय रुपये में निवेश किया है तो यह निवेश LRS के तहत कवर नहीं होते हैं. ACE MF के आंकड़ों को देखा जाए तो 15 अक्टूबर तक ऐसी 63 स्कीमें बाजार में मौजूद थीं, जो विदेशों में निवेश कराती हैं. इनमें निवेश लगातार बढ़ रहा है.

विदेशों में निवेश करना आसान
हेक्सागन वेल्थ के हेक्सागन कैपिटल एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक श्रीकांत भागवत कहते हैं कि इसका एक बड़ा कारण जागरूकता का बढ़ा है. भागवत मनीकंट्रोल के सिंपली सेव पॉडकास्ट में बतौत मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में, कई मंच सामने आए हैं, जिससे भारतीय निवेशकों के लिए न केवल विदेशों में निवेश करना आसान हो गया है, बल्कि वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के विकास में भाग लेना भी संभव हो गया है, जिनके उत्पादों और ऑफरिंग्स का उपयोग हम लगभग हर दिन करते हैं, जैसे कि निवेश करें Apple, Alphabet (Google), Facebook इत्यादि. भागवत कहते हैं, “इन सबसे ऊपर, इकोसिस्टम की उपलब्धता के साथ हमने पिछले एक दशक में अमेरिकी बाजार में एक शानदार तेजी देखी है, जिसने हर किसी का ध्यान खींचा है.”

कैसे लगाएं विदेशी बाजारों में पैसा
श्रीकांत भागवत ने बताया कि आपको डायवर्सिफिकेशन को ध्यान में रखना चाहिए, न कि अतिरिक्त पैसा बनाने के बारे में. और यदि आप डायवर्सिफिकेशन पर ध्यान केंद्रित रखते हैं तो आपको सभी जियोग्राफिक्स को देखना होगा. आप सिर्फ अमेरिकी इक्विटी बाजारों को ही क्यों देख रहे हैं? दुनियाभर में कई अच्छे बिजनेस हैं. तो आपको सभी बाजारों को देखना चाहिए.

यदि आप कंपनियों के बारे में रिसर्च कर सकते हैं तो अच्छी कंपनियां खोजकर सीधे उनके स्टॉक लेने चाहिएं. परंतु यदि आप नहीं कर सकते हैं तो आपको पैसिवली मैनेज्ड (इंडेक्स) फंड्स पर फोकस करना चाहिए. निवेश करते समय गलती की गुंजाइश नहीं होती. हर गलती का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है. यदि आप पहली बार निवेश कर रहे हैं तो सीधा विदेशों बाजारों पर ध्यान न लगाएं. आपको पहले भारतीय बाजारों में मौजूद म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहिए. जैसे-जैसे आपकी समझ बढ़ेगी, आप विदेशों के इंडेक्स को समझने लगेंगे और वहां निवेश करना आपके लिए आसान हो जाएगा. अपने पोर्टफोलियो का 10-15 फीसदी पैसा विदेशी बाजारों में लगाना चाहिए.

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