पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है

नारेडको ने की नए आइडिया शेयरिंग प्लेटफॉर्म NEDEx शुरू करने की घोषणा
'नारेडको नेक्स्टजेन' ने आज राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के तीन स्टेट चैप्टर्स की शुरुआत की घोषणा की।
भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की सहभागिता में गठित नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) की युवा शाखा 'नारेडको नेक्स्टजेन' ने आज राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के तीन स्टेट चैप्टर्स की शुरुआत की घोषणा की। गौरतलब है कि युवा उद्यमियों को सशक्त बनाने और रियल एस्टेट सेक्टर और संबद्ध क्षेत्रों में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए जय मोरजारिया, व्रज ग्रुप के नेतृत्व में 'नारेडको नेक्स्टजेन इंडिया' का गठन किया गया है।
बता दें कि नेक्स्टजेन एक ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करता है जहां रियल एस्टेट सेक्टर के युवा अपने अनुभव साझा करना, अपने कौशल का उपयोग करना, अपने संसाधनों को अधिकतम लाभ उठाना, प्रभावक्षेत्र बढ़ाना, एक साथ बढ़ना और स्थायी परिवर्तन लाने के लिए संयुक्त प्रयास पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है कर सकें।
नेक्सटजेन क्या है?
नारेडको नेक्सटजेन ने नेडएक्स के लॉन्च की भी घोषणा की है जो कि इंडस्ट्री के लिए एक आइडिया-शेयरिंग और बातचीत के नेतृत्व वाला प्लेटफॉर्म है जो भविष्य की कम्युनिटीज को बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह इंडस्ट्री संगठन को नवीन प्रचार-प्रसार रणनीतियों को लागू करने में भी मदद करेगा। नेडएक्स प्लेटफॉर्म इंडस्ट्री को बिक्री और मार्केटिंग के नए नए वित्तीय मॉडलों पर चर्चा करने और उन्हें लागू करने में मदद करेगा। इसके साथ ही ये मैक्रो और माइक्रो-मार्केट के लिए विज्ञापन और ब्रांडिंग के नए तरीके तैयार करेगा और सोशल और डिजिटल मीडिया की क्षमता का पूरा उपयोग करेगा।
नारेडको ने अपने वार्षिक कार्यक्रम, नारेडको नेक्स्टजेन एक्सेलरेट: सेल्स एंड मार्केटिंग 1.0 में इसकी घोषणा की। इस साल का एक्सेलरेट सेल्स और मार्केटिंग की थीम पर आधारित था।
इस मौके पर नारेडको के यूथ विंग नेक्स्टजेन ने बिक्री और प्रचार में दक्षता लाने और इंडस्ट्री गठबंधनों के साथ नई बिक्री पहल शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए। एमओयू बेहतर जानकारी के माध्यम से क्षेत्र में सेक्टर में नए बदलावों को तेजी से जानने में मदद करेगा और गुणवत्तापूर्ण हाई सम्मिट्स, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण जैसी सहयोगी पहलों के माध्यम से बिक्री की पहुंच को बढ़ाएगा। ये यह भी सुनिश्चित करेंगे कि नारेडको के सदस्यों को इन साझेदार फर्मों से रियायती दर प्राप्त हो।
दिसंबर 2021 में लॉन्च किया गया, नेक्सटजेन का उद्देश्य युवाओं पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है को रियल एस्टेट उद्योग की ओर आकर्षित करना है। नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजन बंदेलकर ने कहा कि "पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है नेक्स्टजेन एक्सेलरेट का उद्देश्य नारेडको के सभी हितधारकों और इनोवेटर्स को नए गठबंधनों पर चर्चा करने के लिए एक जगह पर लेकर आना है। हमारा लक्ष्य रियल एस्टेट क्षेत्र में अधिक से अधिक युवाओं को आकर्षित करना और उस ऊर्जा और इनोवेशन से लाभ उठाना है जो सेगमेंट को प्रमुखता प्रदान कर सकता है।”
उन्होंने कहा कि "इंडस्ट्री को डेलवपमेंट कम्युनिटी, आर्किटेक्ट्स और डिजाइन फर्मों, शहरी योजनाकारों, बिक्री एग्रीगेटर्स, इंटरनेशनल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स, रिसर्च फर्मों, प्रॉपटेक भागीदारों, डिजिटल एजेंसियों और आउटडोर विज्ञापन भागीदारों सहित विभिन्न हितधारकों के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता है। नए सिरे से साझेदारी यह सुनिश्चित करती है कि इस क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल है और इसमें अपार संभावनाएं हैं। और हमारा नया यूथ पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है विंग नेक्स्टजेन इसे पूरा करने के लिए यहां है। हमारे नेडएक्स प्लेटफॉर्म पर बातचीत सभी चुनौतियों के समाधान की पेशकश करेगी।”
शेयरचैट के और अधिर मजबूत किया अपना विज्ञापन प्लेटफार्म, जानें क्या है नया अपडेट
एसएमबी को उनकी जरूरतों के मुताबिक बहुभाषी विज्ञापनों के माध्यम से अपने लक्षित दर्शकों से जुड़ने में सक्षम बनाने लिए, भारत के अग्रणी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शेयरचैट ने पिछले साल शेयरचैट एड्स को लॉन्च किया था। शेयरचैट एड्स एक सेल्फ-सर्विंग विज्ञापन प्लेटफॉर्म है। इस पहल की सफलता से प्रेरणा लेते हुए मंच ने हाल ही में अपने विज्ञापन समाधान की पेशकश को और मजबूत करने के लिए एक नई सुविधा, शेयरचैट पिक्सेल लॉन्च की है। अब तक 1000 से अधिक एसएमबी ने शेयरचैट पर अत्यधिक लक्षित विज्ञापन पोस्ट किए हैं और एक वर्ष से भी कम समय में इस प्लेटफॉर्म पर पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है अभियानों की संख्या में 6 गुना का उछाल देखा गया है।
शेयरचैट पिक्सेल ब्रांड/व्यवसायों को उनके प्रदर्शन को मापने में मदद करता है क्योंकि यह विभिन्न वेब पेजेज पर ईवेंट लिस्टिंग और पेज व्यू का विश्लेषण करता है। यह सुविधा यूजर्स की कार्रवाइयों को प्रेरित करती है और विज्ञापन ब्रांड की वेबसाइट की ओर रूपांतरण लक्ष्यों को बढ़ाती है। एक बार जब यूजर वेबसाइट पर कार्यक्रम रूपांतरण (इवेंट कंवर्जन) पूरा कर लेता है, तो ब्रांड शेयरचैट विज्ञापन प्रबंधक टैब में इन रूपांतरणों की निगरानी कर सकता है। यह न केवल विज्ञापनों की प्रभावशीलता को मापने में मदद करता है बल्कि गतिशील अभियानों के लिए विज्ञापन लक्ष्य को भी बढ़ाता है और ब्रांड की वेबसाइट कंवर्जन परिदृश्य को अनुकूलित करता है। एक और नई पेशकश शेयरचैट एड क्रेडिट्स, विज्ञापनदाता के खर्च का 100% अतिरिक्त विज्ञापन क्रेडिट के रूप में देता है, जिसका उपयोग ब्रांड्स द्वारा भविष्य के विज्ञापन खर्च के लिए किया जा सकता है। शेयर चैट पर सक्रिय विज्ञापन पोस्टिंग को एफएमसीजी, गेमिंग, ई-कॉमर्स, एंटरटेनमेंट और फिनटेक जैसे वर्टिकल में देखा गया है।
इस पहल पर अपनी बात रखते हुए, शेयरचैट के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी अजीत वर्गीस ने कहा, “विभिन्न जनसांख्यिकी में भारतीय अपनी पसंदीदा भाषा में विभिन्न प्रकार की सामग्री को खोजने और उसका आनंद लेने के लिए शेयरचैट का उपयोग कर रहे हैं। चूंकि छोटे और मझोले व्यवसाय तेजी से अपनी डिजिटल उपस्थिति बढ़ा रहे हैं, हम शेयरचैट के सेल्फ सर्व पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है विज्ञापनों के माध्यम से आसानी से टियर II और III बाजारों में अपने मूल दर्शकों तक सीधे पहुंचने में उनका समर्थन करने के लिए यहां मौजूद हैं। एक साल से भी कम समय में, हमने जबरदस्त वृद्धि देखी है और शुद्ध राजस्व में 5.5 गुना की बढ़ोतरी हुई है। ये उत्साहजनक संकेत हैं जो यह स्थापित करते हैं कि विभिन्न क्षेत्रों के ब्रांड वांछित भाषा और प्रारूप में अपनी पसंद के दर्शकों से जुड़ना चाहते हैं, और वे हमारी नई सुविधा शेयरचैट पिक्सेल और विज्ञापन क्रेडिट से बहुत लाभ उठा सकते हैं।”
सेल्फ-सर्व विज्ञापन मॉडल एसएमबी, डी2सी व्यवसायों और विज्ञापनदाताओं को इन-फीड डिस्प्ले बैनर, इन-फीड वीडियो और बीच के विज्ञापनों से बाहर निकलने के रूप में जरूरत के मुताबिक विज्ञापन बनाने की अनुमति देता है। इस विज्ञापन मॉडल के माध्यम से व्यवसाय पूरे भारत में शेयरचैट के 180 मिलियन मासिक सक्रिय यूजर्स के साथ जुड़ने में सक्षम हैं। शेयरचैट एड्स तमिल, हिंदी और तेलुगु जैसी 15 भारतीय भाषाओं में अभियान चला सकते हैं।
Netflix बेहतर सिफारिशों की पेशकश करने के लिए 'टू थम्स अप' पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है जोड़ेगा
लोकप्रिय वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने यूजर्स के लिए बेहतर सिफारिशें देने के लिए एक नया 'टू थम्स अप' रेटिंग विकल्प जोड़ा है.
सैन फ्रांसिस्को, 12 अप्रैल : लोकप्रिय वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स (Netflix) ने यूजर्स के लिए बेहतर सिफारिशें देने के लिए एक नया 'टू थम्स अप' रेटिंग विकल्प जोड़ा है. कंपनी ने कहा कि यह वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को यह बताने के लिए है कि उपयोगकर्ता किस प्रकार की सीरीज या फिल्में देखना चाहते हैं. कंपनी ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, "हमारे वर्तमान थम्स अप और थम्स डाउन बटन आपको यह बताने का एक अच्छा तरीका है कि आप एक सीरीज या फिल्म के बारे में कैसा महसूस करते हैं और बदले में, आपको एक प्रोफाइल मिलती है जो आपके स्वाद के लिए बेहतर निजीकृत होती है."
"हालांकि, हमने समय के साथ पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है सीखा है कि ये भावनाएं एक साधारण पसंद या नापसंद से परे जा सकती हैं. हमें यह बताने का एक अतिरिक्त तरीका प्रदान करना है कि आप वास्तव में किस चीज में रूचि रखते हैं, इसका मतलब है कि सिफारिशों के साथ एक प्रोफाइल जो बेहतर ढंग से दर्शाती है कि आप क्या आनंद लेते हैं." उपयोगकर्ता इस विकल्प को आपके टीवी, वेब, एंड्रॉइड और आईओएस मोबाइल डिवाइसेस पर थम्स अप और थम्स डाउन बटन के बगल में पा सकते हैं. यह भी पढ़ें : Netflix के रीड हेस्टिंग्स, टेड सारंडोस ने 2021 के मुआवजे में गिरावट देखी
कंपनी ने कहा कि नए विकल्प पर विचार करने के लिए अपनी सिफारिशों को ठीक करने के तरीके के रूप में और भी अधिक सीरीज या फिल्में देखें जो आपको पसंद हैं. कंपनी ने कहा, "एक थम्स अप अभी भी हमें बताता है कि आपको क्या पसंद आया, इसलिए हम इस प्रतिक्रिया का उपयोग इसी तरह की सिफारिशें करने के लिए करते हैं. लेकिन एक डबल थम्स अप हमें बताता है कि आपको क्या पसंद है और हमें आपकी सिफारिशों के साथ और भी अधिक विशिष्ट होने में मदद करता है."
सोशल मीडिया कंपनियों की 'सीक्रेट मीटिंग', Google को पसंद नहीं Facebook का आइडिया, अब क्या होगा
Google को Facebook और Twitter का बताया एक आइडिया पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है पसंद नहीं आया है. यह आइडिया सोशल मीडिया कंटेंट के मॉडरेशन को लेकर था. दरअसल, फेसबुक और ट्विटर ने सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी के प्रपोजल का सपोर्ट किया था. मगर गूगल को इन कंपनियों का यह आइडिया पसंद नहीं आया है. इस मामले में सोशल मीडिया कंपनियों की एक 'क्लोज्ड मीटिंग' हुई थी. आइए जानते हैं इस मीटिंग में क्या हुआ.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 12 अगस्त 2022,
- (अपडेटेड 12 अगस्त 2022, 2:51 पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है PM IST)
भारत टेक कंपनियों के लिए एक बड़ा मार्केट है. पिछले कुछ वक्त से भारत सरकार कुछ मामलों में सख्त हुई है, खासकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लेकर. इस मामले में अब फेसबुक और गूगल एक दूसरे के आमने सामने हैं. जहां गूगल दिग्गज सर्च इंजन है. वहीं फेसबुक (पैरेंट कंपनी Meta) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की दुनिया का बादशाह है.
इस साल जून में भारत ने कंटेंट मॉडरेशन से जुड़ी शिकयतों के लिए एक सरकारी पैनल नियुक्त करने की पेशकश की थी. हालांकि, सरकार ने टेक कंपनियों को सेल्फ-रेगुलेटरी बॉडी बनाने का भी ऑफर दिया था.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए कंटेंट मॉडरेशन एक बड़ी जिम्मेदारी है. उनके प्लेटफॉर्म पर क्या जा रहा इन सब पर कंपनियों को नजर रखनी होती. फेक न्यूज की छंटनी से लेकर आपत्तिजनक पोस्ट्स को ब्लॉक करने तक यह सभी काम कंटेंट मॉडरेशन का हिस्सा हैं.
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फेसबुक का आइडिया पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है गूगल को नहीं पसंद
Reuters की मानें तो गूगल इस पक्ष में नहीं है. फेसबुक और ट्विटर ने सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी के आइडिया को सपोर्ट किया है, जबकि गूगल को इस पर आपत्ति है. यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी गई है.
इस हफ्ते हुई बैठक में Alphabet Inc (गूगल की पैरेंट कंपनी) के एक एक्जीक्यूटिव ने इस पर आपत्ति जाहिर की है. बैठक में शामिल अन्य लोगों से गूगल एक्जीक्यूटिव ने कहा कि वह सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी के फायदों को सहमत नहीं हैं.
इस बॉडी का मतलब फैसलों का एक्सटर्नल रिव्यू है, जो गूगल को किसी कंटेंट को लेकर फोर्स कर सकते हैं. भले ही वह कंटेंट गूगल की इंटरनल पॉलिसी का उल्लंघन करता हो.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की 'सीक्रेट मीटिंग'
गूगल एग्जीक्यूिटिव ने कहा कि सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी के ऐसे फैसलों के खतरनाक पेशकश करने के लिए प्लेटफॉर्म क्या है परिणाम हो सकते हैं. इस बैठक में फेसबुक, गूगल, ट्विटर के अलावा Snap Inc (स्नैपचैट की पैरेंट कंपनी) और पॉपुलर भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शेयरचैट भी शामिल थे.
इन सभी कंपनियों के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर करोड़ों यूजर्स मौजूद हैं. ShareChat ने भी सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी को लेकर चिंता जाहिर की है. कंपनी ने इस मामले पर और ज्यादा विचार करने की बात कही है.
गूगल ने बताया कि वह इंडस्ट्री और सरकार के साथ एक शुरुआती बैठक में शामिल हो चुका है. वह 'सभी मौजूद ऑप्शन' को एक्सप्लोर कर रहा है, जिससे 'बेस्ट फैसला' लिया जा सके.