इन्वेस्टिंग

इन्वेस्टिंग
नवाचार क्या है ?
नवाचार की बहुत ही सरल परिभाषा है – नवाचार का आमतौर पर अर्थ होता है सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से कुछ ऐसा नया या अनूठा करना, कुछ अलग या बेहतर करना। नवाचार बड़ा भी हो सकता है और छोटा भी। जरूरी नहीं है कि यह कुछ बहुत अनोखा ही हो। प्रौद्योगिकी सफलताओं के लिए नवाचार गतिविधियों और अनुसंधान एवं विकास के बीच अक्सर बहुत गहरा संबंध होता है।
प्रौद्योगिकी नवाचार क्या है?
प्रौद्योगिकी नवाचार अनिवार्य रूप से नवाचार का सबसेट (उपवर्ग) है। आमतौर पर इसमें मौजूदा प्रौद्योगिकी के नए अनुप्रयोगों से नवाचार किया जाता है, नई प्रौद्योगिकियों को लागू किया जाता है और शोध के जरिए विकास किया जाता है। जिसमें उन्नत प्रौद्योगिकियों का विस्तार कर उन्हें व्यापक अनुप्रयोग के लिए सामने रखा जाता है।
व्यापार नवाचार क्या है?
ग्राहकों को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए व्यापार उत्पादों, सेवाओं या नए अनुभव प्रदान करता है। व्यापार संचालन की प्रकृति और पैमाने के आधार पर नवाचार अलग– अलग व्यापारों के लिए अलग– अलग अर्थ वाला होता है। सफल व्यापार नवाचार को अक्सर मजबूत बौद्धिक संपदा का संरक्षण प्राप्त होता है। व्यापार नवाचार की सटीक परिभाषा व्यापार के लक्ष्य पर निर्भर करती है फिर भी निम्नलिखित प्रश्न उपयोगी साबित हो सकते हैं–
रणनीति को पेश करने के लिए किस प्रकार की नई सोच की जरूरत है?
व्यापार को वास्तव में कहां श्रेष्ठ होने की जरूरत है?
नए उत्पाद का डिजाइन व्यापार की सफलता के लिए कैसे महत्वपूर्ण है?
क्या व्यापार इन्वेस्टिंग नए बाजारों में जोखिम उठा रहा है?
क्या व्यापार ने सभी बौद्धिक संपदा की पहचान की है?
यथास्थिति को चुनौती देने के बारे में क्या?
स्टार्टअप क्या है?
स्टार्टअप्स आम तौर पर ऐसी नई कंपनियां होती हैं जिनकौ उनके उद्यमशील संस्थापकों द्वारा विकसित नए विचारों पर आधारित व्यापार मॉडल का परीक्षण के लिए बनाया जाता है। स्टार्टअप्स की अनिवार्य विशेषताओं में से एक उनमें तेजी से बढ़ने की क्षमता है। आमतौर पर इनमें बहुत कम कर्मचारी होते हैं। स्टार्टअप्स के लिए पूंजी फंडिंग (वित्तपोषण के कई दौर) के जरिए जुटाई जाती है।
स्टार्टअप्स के लिए उपलब्ध विभिन्न प्रकार की फंडिंग कौन– कौन सी हैं?
स्टार्टअप्स अपने लिए कई विकल्पों के जरिए पूंजी जुटा सकती हैं। कुछ महत्वपूर्ण विकल्प इस प्रकार हैं–
वेंचर कैपिटल इन्वेस्टिंग (व्यापार पूंजी निवेश)– स्टार्टअप द्वारा पूंजी जुटाने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में वेंचर कैपिटल इन्वेस्टिंग है। इसमें निवेशक (वेंचर कैप्टलिस्ट) वित्तीय पूंजी (वेंचर कैपिटल) मुहैया कराता है। यह पूंजी आमतौर पर आरंभिक चरण में निजी इक्विटी निवेशों के जरिए जुटाई जाती है लेकिन यह दीर्धकाल में विकास की क्षमता को भी दर्शाता है।
एंगल इन्वेस्टिंगः एंगल इन्वेस्टिंग का अर्थ है वह प्रक्रिया जिसमें निवेशक व्यापार में शेयरों के बदले स्टार्टअप्स में वित्तीय सहायता मुहैया कराते हैं। पूंजी के अलावा, कंपनी के विकास और सफलता हासिल करने में ये ज्ञान और विशेषज्ञता भी प्रदान करते हैं। पूंजी (एंगल कैपिटल) सीड मनी का एक बार किया गया निवेश हो सकता है या संकट के समय में सतत समर्थन के रूप में हो सकता है। वेंचर कैपिटलिस्ट की तुलना में एंगल इन्वेस्टर्स बिल्कुल नई इकाई पर जोखिम उठाने से गुरेज नहीं करते।
क्राउड फंडिंगः क्राउड फंडिंग अपेक्षाकृत नया है जहां स्टार्टअप्स बड़ी संख्या में लोगों से छोटी धनराशि की मांग कर अपनी इन्वेस्टिंग पूंजी की उगाही करते हैं। इस नए मंच ने उद्यमी संस्थापकों को जनता को सीधे उनके विचारों को बेचने का एक अनूठा मौका दिया है।
सीड फंडिंग क्या है?
सीड फंडिंग शब्द का प्रयोग किसी भी प्रकार के उस वित्त के लिए किया जाता है जो कि किसी नए उद्यम को शुरु करने के लिए दिया जाए। आमतौर पर यह परिवार, दोस्तों या निवेशकों की व्यक्तिगत संपत्ति से आती है।
इन्क्यूबेटर क्या है?
इन्क्यूबेटर उद्यमशीलता का पोषण और साझा संसाधनों, प्रबंधन एवं तकनीकी विशेषज्ञता और बौद्धिक पूंजी के प्रयोग से स्टार्टअप्स कंपनियों के विकास में सहयोग देने वाली सुविधा का नाम है।
उत्प्रेरक (ऐक्सेलरैटर) क्या होता है?
जैसा कि नाम से ही पता चलता है उत्प्रेरक (ऐक्सेलरैटर) ऐसे संस्थान होते हैं जो नए उद्यमों के विकास में "तेजी" लाने का काम करते हैं। ऐक्सेलरेशन प्रोग्राम्स (उत्प्रेरक कार्यक्रम) आमतौर पर समय– समिति होते हैं और कुछ पूर्वशर्तों जैसे स्टार्टअप्स काम करने लायक नमूना के साथ– साथ बाजार की आरंभिक कर्षण प्रदान करेगा, के साथ विशेष सेवाएं, संसाधन एवं संपर्क प्रदान करते हैं। उत्प्रेरक कार्यक्रम के अंत में स्टार्टअप्स 'अंशांकित– ग्रैजुएट' किए जाते हैं।
स्पिन– ऑफ क्या है?
स्पिन– ऑफ्स वैसी कंपनियां होती हैं, जिन्हें बड़े संगठन जैसे विश्वविद्यालय, निगम काम करने के लिए स्वतंत्र निकाय के रूप में बनाती हैं। हालांकि कानूनी इन्वेस्टिंग इन्वेस्टिंग रूप से स्पिन– ऑफ एक आम व्यापार उद्यम की तरह ही है।
भारत में स्टार्टअप को पंजीकृत कैसे कराएं?
काम की प्रकृति, व्यापार का आकार, जरूरतों एवं स्टार्ट–अप की मांगों के आधार पर आप भारत में व्यापार संरचनाओं में से निम्नलिखित प्रकार को चुन सकते हैं–
परामर्शदाता क्या है?
परामर्श के जरिए विश्वसनीय सलाहकार पहली बार उद्यमी बने लोगों को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए स्टार्टअप टीमों को उनके व्यापार की योजना और व्यापार मॉडल बनाने में सहायता करते हैं, ताकि वे बाजार में ठोस आधार बना सकें। आमतौर पर यह दोहराव की प्रक्रिया होता है।
इक्विटी क्या है?
इक्विटी का अर्थ है कंपनी के मालिक (कों) या आम शेयर (साधारण शेयर) के धारक (कों) द्वारा कंपनी में निवेश की गई पूंजी। व्यापार में आमतौर पर यह तभी वापस किया जाता है जब मालिक अपना हिस्सेदारी दूसरों को बेचते हैं।
ऋण क्या है?
वित्तीय भाषा में, ऋण एक ऐसी व्यवस्था है जहां कर्ज एक इकाई जो कि संगठन या व्यक्ति हो सकता है, द्वारा दिया जाता है। आमतौर पर इस बात के साथ कि उसे ब्याज के साथ वापस किया जाएगा।
पुलिस द्वारा चार्ज शीट को दाखिल करने की प्रक्रिया और अदालत में इसकी महत्व
पुलिस द्वाराचार्ज शीट को दाखिल करने की प्रक्रिया औरअदालत में इसकीमहत्व जब पुलिस किसी मामलो में एफ आई आर दर्ज करती है उसके बाद पुलिस अपना जाँच करती हैऔर जब पुलिस को उन मामलो का जरुरी साक्ष्य मिल जाता है तो वह उस केश में मुकदमाचलाने के लिए न्यायालय में आरोप –पत्र दाखिल करता है उसको हम charge sheet कहते है,इसे पुलिस चालान भी कहते है|
किसमुकदमा का चालान पुलिस को कितने में फाइल करना है ये भारतीय दंड प्रकिया की धारा173 में दी गयी है ,इस धारा में ये कहा गया है की सभी इन्वेस्टिंग ऑफिसर को बिनाविलंब के कोर्ट में फाइल करना है |
जिसकेश में सजा की अवधि कम से कम 10 साल और उम्र –कैद या फासी का प्रावधान होताहै,उसमे इन्वेस्टिंग एजेसी को आरोप –पत्र ९० दिनों के अंदर कोर्ट में दाखिल करना पडता है, नहीं तो आरोपी कोजमानत मिल जाती है | दूसरी तरफ इससे कम सजा वाले मुकदमामें चालान ६० दिन के अंदर कोर्ट में दाखिलकरना होता है ,ऐसा न करने पर आरोपी को जमानत दिए जाने का प्रावधान है |
जबपुलिस अपना आरोप –पत्र दाखिल करती है तोवह उसमे –उल्लेख करती है ---
1 दोनों पक्षों के नाम
3 गवाहके नाम जिनको की उस घटनाओं का पूरा ज्ञान हों.
4. क्याकोंई अपराध हुआ प्रतीत होता है और यदि हुआ है तो किसके द्वारा |
5.क्या अभियुक्त गिरफ्तार कर लिया गया है|
6. क्या अभियुक्त को बेल बांड पर छोड़ दिया गया हैया नहीं |
7 साथ ही साथ मेडिकल रिपोर्ट भी शामिल करना होताहै दोनों पक्षों का, जहां की भारतीय दंड संहिता की धारा 376 की सभी उपधारा में|
8. वह अधिकारी अपने द्वारा की गयी कायर्वाहीकीसंसूचना ,उस व्यक्ति को यदि कोंई हों,जिसने अपराध किए जाने के सबन्ध में सबसे पहले सुचना उस प्रकार देगा ,जो राज्यसरकार द्वारा विहित की जाए|
यदि जाँच अधिकारी आपकी बात नहीं सुन इन्वेस्टिंग रहा है तो आपउसी शिकायत उसके उच्च अधिकारी से कर सकते है और फिर आप कोर्ट से भी अपने वाद केबारे में जानने के लिए आवेदन कर सकते है | जाँचअधिकारी की आरोप –पत्र के बाद अदालत अपनासंज्ञान अभियुक्त के खिलाफ सबूत और तथ्यों के आधर पर लेती हुए समन जारी करती है|फिर आरोप पर बहस होता है जिसमे अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष मौजूद होती है |
यदिआरोपी के खिलाफ सबूत जाँच एजेंसी को जाँच में नहीं मिलती है तो भारतीय दंडप्रकिया की धारा 169 के तहत क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर देती है,अदालत क्लोजर रिपोर्टके तथ्यों को देखते हुए मामलो के शिकायती को नोटिस जारी करती है,अगर शिकायती को क्लोज़र रिपोर्ट पर आपति हों तो वह अपनीआपति अदालत में दर्ज करता है अदालत क्लोज़र रिपोर्ट पर जाँच एजेंसी की पक्ष को भीसुनती है |
यदिअदालत को लगता है की आरोपी के खिलाफ सबूतमुकदमा चलाने योग्य नहीं है तो वह क्लोज़र रिपोर्ट को स्वीकार कर लेती है और केश कोबंद करने का आदेश देते हुए आरोपियों को बरी कर देती है |
और यदिअदालत को सबूत और इन्वेस्टिंग तथ्यों को देखने के बाद ऐसा लगता है की आरोपी के खिलाफ सबूतमुकदमा है तो वह उसी क्लोज़र रिपोर्ट को आरोप –पत्र मानते हुए आरोपी को समन जारी करसकती है ,यदि अदालत क्लोज़र रिपोर्ट से सन्तुष्ट नहीं होती है तो आगे जाँच का भीआदेश दे सकती है |
भारतीय दंड प्रकिया की धारा 321 के तहत अभियोजन पक्ष समाजिक हित में केश कोवापस लेने का आवेदन कर सकती है ,इसके लिए अभियोजन पक्ष के वकील अपनी दलील कोर्टमें रखते है ,यदि अदालत उनकी दलील से सन्तुष्ट हों जाती है तो मुकदमा बंद करने केअनुमति देती है और यदि नहीं होती है तो केश को आगे चलाने का आदेश देती है |
आज हम बात करेंगे STOCK MARKET TRADING और INVESTING क्या होता है,
STOCK MARKET में कोई भी PERFECT नहीं होता है, हर किसी से गलतिया हो जाया करती है, और गलतियों का मतलब यहाँ LOSS होता है , और यहाँ आप गलतियों के बदले पैसे गवाते है, इसलिए आपको STOCK MARKET में फायदे के लिए गलतियों को सुधारना होगा , गलतियों से निरंतर सीखना होगा और सिखने के लिए भी आपको TIME देना होगा,
यानी आपको सिर्फ STOCK TRADING के लिए नहीं बल्कि STOCK MARKET LEARNING के लिए भी समय देना होगा,
STOCK MARKET TRADING
STOCK MARKET में हमारे लिए क्या सही है, यानी हम कैसे जाने की हमारे लिए TRADING सही है या नहीं , ये जानने के लिए आपको खुद से कुछ प्रश्न पूछने होंगे, और उन प्रश्नों के जवाब का विश्लेषण कर आप समझ सकते है की आपको क्या करना चाहिए-
प्रश्न -1 , T RADING के लिए आप कितना समय दे सकते है ?
अगर आप STOCK MARKET में TRADING करना चाहते है तो आप जितना समय दे सकते है,उस के अनुसार ही TRADING के विकल्पों से चुनाव करना होगा, जैसे की आपको INTRA DAY TRADING करना है या SCAPLING TRADING, इन दोनों तरह की TRADING के लिए आपको जिस दिन भी TRADE करना चाहते है, उस दिन आपको दिन भर का समय देना पड़ेगा,
अगर सीधा सीधा कहा जाये तो , INTRA DAY TRADING का मतलब सुबह 9:15 से 3.30 बजे के बिच 6 घंटे 15 मिनट के MARKET टाइम के अनुसार आपको समय निकालना होगा और फिर आप अपने INTRA DAY TRADING पे सही तरह से काम कर सकते है, MARKET शुरू होने से पहले और बंद होने के बाद भी आपको अपने अगले TRADE के बारे में RESEARCH करना होगा, ताकि आप अच्छे TRADE यानि सौदे ले सके.
और अगर आप SWING TRADING करना चाहते है तो आप इसे अपनी सुविधानुसार किसी दिन समय निकालकर अपने सौदे को चुन कर आप TRADE ले सकते है, और उसके बाद बस आपको उस TRADE में हो रहे फायदे और नुकसान को आसानी से DAILY या WEEKLY थोडा समय निकाल कर CHECK कर सकते है,
प्रश्न -2 , TRADING के लिए आप कितना RISK ले सकते है ?
STOCK MARKET में INTRADAY TRADING को सबसे ज्यादा RISK TRADE माना जाता है, और SWING TRADING को थोडा सुरक्षित माना जाता है, और LONG TERM INVESTMENT यानी TRADE को ज्यादा सुरक्षित और कम RISK वाला माना जाता है,
STOCK MARKET में TRADE या INVEST से पहले आपको आपकी अपनी RISK लेने की क्षमता को जानना बहुत जरुरी है, अगर आप सही तरह से जान लेते है की आपकी RISK क्षमता क्या है , तो आप अपनी TRADING STYLE को भी चुन सकते है ,
STOCK MARKET में TRADING या INVESTING एक RISK SUBJECT है, इसीलिए सबसे पहले आप को ये तय करना होगा की आप के पास जो भी पैसे है, उसमे से आप कितने पैसे का RISK उठा सकते है, और कितने समय के लिए आप ये RISK उठा सकते है,
और इस तरह अपनी रिस्क क्षमता के अनुसार आप ये निर्णय ले सकते है की आपको “TRADING” करना चाहिए या नहीं.
प्रश्न -3 , TRADING के पीछे आपका मकसद (GOAL) क्या है ?
STOCK MARKET TRADING करने का कारण और लाभ की अपेक्षित लाभ की मात्रा जानने से आप RISK CONTROL कर सकते है और अपने लिए सबसे बेहतर TRADING का विकल्प भी चुन सकते है ,
ये भी एक महत्वपुर्ण प्रश्न है, TRADING करने के पीछे का कारण क्या है – आप TRADING से कितना लाभ कमाना चाहते है, आपके TRADING करने का REASON पता होने पर आपको ये तय करने में मदद मिलती है आपको कौन सा TRADING STYLE चुनना चाहिए और आप जो RISK उठाना चाहते है , उस रिस्क को कैसे कम से कम कर सकते है,
STOCK MARKET INVESTING
STOCK MARKET में INVESTMENT का अर्थ LONG TERM में WEALTH CREATE करना होता है, आप अपने फाइनेंसियल गोल्स के अनुसार LONG TERM INVESTMENT कर सकते है, LONG TERM से हमारा मतलब कम से कम 1 साल से ज्यादा के लिए INVESTMENT,
ऐसा माना जाता है की LONG TERM में MARKET में INVESTMENT से लाभ होता है, हालाँकि ऐसा जरुरी नहीं है, लेकिन अगर आप LONG TERM INVESTOR है तो MARKET में होने वाले छोटे मोटे उतार चढाव की चिंता से बच सकते है, और इस तरह आप LONG TERM INVESTMENT से RISK CONTROL कर सकते है,
आप को STOCK MARKET में INVESTING या TRADING दोनों में क्या करे ये समझने के लिए अपने फाइनेंसियल गोल्स और अपनी KNOWLEDGE के साथ साथ रिस्क लेने की क्षमता को समझना होगा..
फिर आप आसानी से TRADING या INVESTING का निर्णय ले सकते है कि आपको STOCK MARKET TRADING या INVESTING आखिर क्या करना चाहिए
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस ने यूनाइटेड नेशंस प्रिंसिपल्स फॉर रिस्पॉन्सिबल इन्वेस्टिंग (यूएनपीआरआई) पर हस्ताक्षर किए
मुंबई, 17 दिसंबर, 2021: आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, यूनाइटेड नेशंस प्रिंसिपल्स फॉर रिस्पॉन्सिबल इन्वेस्टिंग (यूएनपीआरआई) पर हस्ताक्षर करने वाली पहली भारतीय बीमा कंपनी बन गई है। इस प्रकार, कंपनी ने पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) के मुद्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।
स्थिरता को बढ़ावा देने के अपने प्रयास में, कंपनी ईएसजी कारकों को अपने निवेश प्रबंधन ढांचे में एकीकृत कर रही है। एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में इसने अपनी व्यावसायिक गतिविधियों में स्थिरता के सिद्धांतों को भी अपनाया है।
स्थिरता ढांचा ईएसजी के तीन स्तंभों पर निर्मित है जिसमें अगली पीढ़ी के लिए इस ग्रह को बेहतर बनाना, समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन और कामकाज में पारदर्शिता शामिल है। 2.37 ट्रिलियन रुपये से अधिक की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति के साथ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस एक प्रमुख इन्वेस्टिंग संस्थागत निवेशक है और इनका मानना है कि ईएसजी ढांचे को अपने निवेश प्रबंधन प्रथाओं में एकीकृत करने से सभी हितधारकों के लिए स्थायी मूल्य सृजन सुनिश्चित होगा। कंपनी यह सुनिश्चित करने के लिए ईएसजी मुद्दों पर निवेश करने वाली कंपनियों के साथ जुड़ती है कि व्यवसाय एक जिम्मेदार और टिकाऊ तरीके से संचालित हो, जिससे पर्यावरण, समाज और निवेशकों को लाभ हो।
श्री मनीष कुमार, चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंसने कहा, “हमें यूएनपीआरआई पर हस्ताक्षर करने वाली पहली भारतीय बीमा कंपनी बनने की खुशी है। यह हमारे निवेश प्रबंधन निर्णयों में पर्यावरण, सामाजिक और शासन कारकों को बढ़ावा देने के लिए एक जिम्मेदार ढांचे को एकीकृत करने की हमारी प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है। जलवायु परिवर्तन हमारे आस-पास के जीवन और आजीविका को प्रभावित कर रहा है और देश के सबसे बड़े घरेलू वित्तीय संस्थानों में से एक के रूप में, ग्रह को बचाने के लिए ईएसजी कारकों पर सक्रिय और जिम्मेदारी से कार्य करना हम पर निर्भर है। टिकाऊ निवेश को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप हमने हाल ही में ईएसजी-केंद्रित फंड, ‘सस्टेनेबल इक्विटी फंड’ लॉन्च किया है, और इस प्रक्रिया में ऐसा करने वाली भारत की पहली जीवन बीमा कंपनी बन गई है। स्थिरता को बढ़ावा देना एक स्थायी संस्थान बनाने की हमारी दृष्टि का एक स्वाभाविक विस्तार है जो संवेदनशीलता के साथ ग्राहकों की सुरक्षा और दीर्घकालिक बचत आवश्यकताओं को पूरा करता है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि जिम्मेदार निवेश के सिद्धांतों को अपनाने से निगमों को स्थायी व्यवसायों के निर्माण के लिए ईएसजी पहलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा जो बदले में सभी हितधारकों को बेहतर रिटर्न देते हैं।
यूएनपीआरआई संयुक्त राष्ट्र के दो निकायों – संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम वित्त पहल और संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट के साथ साझेदारी में एक निवेशक पहल है। इसका लक्ष्य पर्यावरण, सामाजिक और शासन के मुद्दों के निवेश के निहितार्थ को समझना और इन मुद्दों को निवेश और स्वामित्व निर्णयों में एकीकृत करने में हस्ताक्षरकर्ताओं का समर्थन करना है। वर्तमान में, इसमें 60 देशों के 4,000 से अधिक हस्ताक्षरकर्ता हैं, जो सामूहिक रूप से ईएसजी विचारों को उनकी निवेश प्रथाओं और स्वामित्व नीतियों में एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध 120 ट्रिलियन अमरीकी डालर से अधिक की संपत्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
#TOP 100 Share Market Books in Hindi
शेयर मार्किट में निवेश करने से पहले शेयर मार्किट की सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए तथा ऐसे में एक सवाल जो एक शुरूआती इन्वेस्टर या ट्रेडर के मन में आता है की स्टॉक मार्किट की फुल नॉलेज प्राप्त करने के लिए कौन – कौनसी बुक्स का अध्ययन किया जाना चाहिए इस आर्टिकल में इन सभी बुक्स की डिटेल्स के साथ कुछ फेमस बुक्स के कलेक्शन के बारे में बताया गया है
- द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर
- रिच डैड्स गाइड टू इन्वेस्टिंग
- ट्रेडनीति
- रिच डैड पुअर डैड
- लर्न टु अर्न
Table of Contents
द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर (The intelligent investor)
इन्वेस्टिंग से जुडी इस बुक को बेंजामिन ग्रैहम द्वारा लिखा गया है बेंजामिन ग्रैहम को इन्वेस्टिंग के टॉप गुरु में माना जाता है इस बुक को 1949 में लिखा गया था इस किताब में वैल्यू ऑफ़ इन्वेस्टिंग के बारे में बताया गया है इस बुक में कई इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजीज के बारे में बताया गया हैं यह किताब इन्वेस्टिंग बुक्स में से एक पॉपुलर बुक है
किसी भी बुक को पढ़ने से पहले यह जानना बहुत आवश्यक है की बुक के ऑथर की जानकारी व उनका जीवन परिचय आदि की जानकारी होना बहुत आवश्यक है बेंजामिन ग्रैहम अमेरिकन इकोनॉमिस्ट व प्रोफेसर, इन्वेस्टर थे तथा बेंजामिन ग्रैहम को फादर ऑफ़ वैल्यू इन्वेस्टिंग के नाम से भी जाना जाता है
किताब का नाम | द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर |
कब पब्लिश हुई | 1949 |
ऑथर | बेंजामिन ग्रैहम |
रिच डैड्स गाइड टू इन्वेस्टिंग (Rich Dad’s Guide to इन्वेस्टिंग Investing)
रिच डैड्स गाइड टू इन्वेस्टिंग को रोबर्ट कियोसाकि के द्वारा लिखा गया है इस किताब को वर्ष 2000 में पब्लिश किया गया था इस किताब में बेसिक रूल्स ऑफ़ इन्वेस्टिंग के बारे में बताया गया है इस बुक में मुख्य रूप से इन्वेस्टमेंट रिस्क को किस प्रकार से काम किया जा सकता है इसके बारे में बताया गया है साथ ही इसमें इन्वेस्टमेंट के जरिये किस प्रकार से एक पैसिव इनकम का सोर्स बनाया जा सकता है इसके बारे में बताया गया है
इस किताब में मुख्य रूप से क्या बताया गया है
- इन्वेस्टिंग करने के कुछ बेसिक रूल्स
- पैसिव इनकम कैसे बनाई जाती हैं
- इन्वेस्टमेंट रिस्क को काम कैसे किया जाये
किताब का नाम | रिच डैड्स गाइड टू इन्वेस्टिंग |
कब पब्लिश हुई | 2000 |
ऑथर | रोबर्ट कियोसाकि |
ट्रेडनीति (Tradeniti)
ट्रेडनीति किताब को युवराज कलशेट्टी जी के द्वारा अप्रैल 2019 में लिखा गया है तथा इस किताब के ऑथर भारतीय है इस किताब में शेयर मार्किट का ज्ञान दिया गया है इस बुक में हिंदी में सरल भाषा में शेयर मार्किट के बारे में बताया गया है इस किताब में एक सफल ट्रेडर बनने के लिए कुछ रणनीतिया बताई गई है
किताब का नाम | ट्रेडनीति |
कब पब्लिश हुई | अप्रैल 2019 |
ऑथर | युवराज कलशेट्टी |
रिच डैड पुअर डैड (Rich Dad Poor Dad)
रिच डैड पुअर डैड को रोबर्ट कियोसाकि व शेरोन लेचटर के द्वारा लिखा गया है इस किताब को 1997 में पब्लिश किया गया था रोबर्ट कियोसाकि व शेरोन लेचटर द्वारा इस किताब में फाइनेंसियल लिटरेसी व फाइनेंस की नॉलेज दी गई है इस किताब में वेल्थ बिल्डिंग व फाइनेंसियल इंडिपेंडेंस को इन्वेस्टिंग के जरिये किस प्रकार अचीव किया जा सकता है इसके बारे में बताया गया है
किताब का नाम | रिच डैड पुअर डैड |
कब पब्लिश हुई | 1997 |
ऑथर | रोबर्ट कियोसाकि व शेरोन लेचटर |
लर्न टु अर्न (Learn to Earn)
लर्न टु अर्न बुक के बारे में जॉन रोथचाइल्ड व पीटर लिंच के द्वारा लिखा गया है तथा इस किताब को 1995 में पब्लिश किया गया था इस बुक में स्टॉक मार्किट व बिज़नेस के प्रिंसिपल्स के बारे में बताया गया है व इस किताब के माध्यम से आप बिज़नेस या स्टॉक मार्किट के फंडामेंटल्स के बारे में पता लगाया जा सकता है
किताब का नाम | लर्न टु अर्न |
कब पब्लिश हुई | 1995 |
ऑथर | जॉन रोथचाइल्ड व पीटर लिंच |
शेयर मार्किट का ज्ञान कैसे सीखे?
शेयर मार्किट का ज्ञान या नॉलेज लेने के लिए आप बुक्स पढ़ सकते है इसके अलावा आप यूट्यूब वीडियो का भी उपयोग कर सकते है जिसके माध्यम से आपको शेयर मार्किट का फंडामेंटल्स समझ सकते है
शेयर मार्किट ट्रेडिंग के लिए बुक कौनसी है?
शेयर मार्किट ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छी बुक में ट्रेडनीति (Tradeniti) है इस किताब को युवराज जी के द्वारा अप्रैल 2019 में लिखा गया है
इस आर्टिकल में शेयर मार्किट हिंदी (Share Market Books in Hindi) बुक्स के बारे में बताया गया है यदि यह आर्टिकल आपको अच्छा लगता है तो आप इसे शेयर कर सकते इन्वेस्टिंग है आपके मन में इस आर्टिकल से सम्बंधित किसी भी तरह का सवाल है तो आप निचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है आपके द्वारा पूछे गए सवाल का जबाब जरूर दिया जायेगा