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भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं

भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं
अनुपम आसावरी साड़ी

रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया लाने की तैयारी

भारत में जल्द ही लेन-देन का तरीका बदलने वाला है। आपको रुपए का विकल्प मिल रहा है। होगा तो वह भी रुपया ही, जारी भी रिजर्व बैंक ही करेगा, पर वह प्रिंटेड नोट से बिल्कुल ही अलग होगा। रिजर्व बैंक ही नहीं बल्कि दुनियाभर के केंद्रीय बैंक बिटकॉइन, ईथर जैसी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के विकल्प के तौर पर डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं।

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC क्या है?

  • यह कैश का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। जैसे आप कैश का लेन-देन करते हैं, वैसे ही आप डिजिटल करेंसी का लेन-देन भी कर सकेंगे।
  • CBDC कुछ हद तक क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन या ईथर जैसी) जैसे काम करती है।
  • इससे ट्रांजैक्शन बिना किसी मध्यस्थ या बैंक के हो जाता है।
  • रिजर्व बैंक से डिजिटल करेंसी आपको मिलेगी और आप जिसे पेमेंट या ट्रांसफर करेंगे, उसके पास पहुंच जाएगी। न तो किसी वॉलेट में जाएगी और न ही बैंक अकाउंट में। बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, पर होगी डिजिटल।

यह डिजिटल रुपया, डिजिटल पेमेंट से कैसे अलग है?

  • बहुत अलग है। आपको लग रहा होगा कि डिजिटल ट्रांजैक्शन तो बैंक ट्रांसफर, डिजिटल वॉलेट्स या कार्ड पेमेंट्स से हो ही रहे हैं, तब डिजिटल करेंसी अलग कैसे हो गई?
  • यह समझना बेहद जरूरी है कि ज्यादातर डिजिटल पेमेंट्स चेक की तरह काम करते हैं। आप बैंक को निर्देश देते हैं। वह आपके अकाउंट में जमा राशि से ‘वास्तविक’ रुपए का पेमेंट या ट्रांजैक्शन करता है। हर डिजिटल ट्रांजैक्शन में कई संस्थाएं, लोग शामिल होते हैं, जो इस प्रोसेस को पूरा करते हैं।
  • उदाहरण के लिए अगर आपने क्रेडिट कार्ड से कोई पेमेंट किया तो क्या तत्काल सामने वाले को मिल गया? नहीं। डिजिटल पेमेंट सामने वाले के अकाउंट में पहुंचने के लिए एक मिनट से 48 घंटे तक ले लेता है। यानी पेमेंट तत्काल नहीं होता, उसकी एक प्रक्रिया है।
  • जब आप डिजिटल करेंसी या डिजिटल रुपया की बात करते हैं तो आपने भुगतान किया और सामने वाले को मिल गया। यह ही इसकी खूबी है। अभी हो रहे डिजिटल ट्रांजैक्शन किसी बैंक के खाते में जमा रुपए का ट्रांसफर है। पर CBDC तो करेंसी नोट्स की जगह लेने वाले हैं।

क्या अब तक किसी देश ने डिजिटल करेंसी लॉन्च की है?

भारतीय रिज़र्व बैंक ने लॉन्च की अपनी डिजिटल करेंसी

RBI

दुनिया इस वक्त डिजिटल मोड में चल रही है और भारत में भी अब हर जगह डिजिटलिकरण हो रहा है। दरअसल अब जेब में कैश लेकर चलना पुराने जमाने की बात होगी। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI एक खास उपयोग के लिए आज 1 नवंबर से डिजिटल रुपया यानी E-Ruppee लॉन्च करने जा रहा है। RBI अब अपनी डिजिटल करेंसी की हकीकत बनने जा रहा है।

डिजिटल करेंसी कैसे काम करेगी ? और आपके लिए किस तरह फायदेमंद साबित होगी?

सबसे पहले आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर महीने की शुरुआत में घोषणा करते हुए कहा था कि वो जल्द ही खास इस्तेमाल के लिए डिजिटल रुपया का पायलट लॉन्च शुरू करेगा।

इसके लिए केंद्रीय बैंक ने 1 नवंबर 2022 की तारीख तय की थी। ये फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है। RBI होलसेल ट्रांजैक्शन और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट के लिए अपने डिजिटल रूपी की शुरुआत कर रहा है।

E-Ruppee लाने का मकसद क्या है?

दरअसल CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 से ब्लॉक चेन आधारित डिजिटल रुपया पेश करने का ऐलान किया था।

बीते दिनों केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया था कि RBI डिजिटल रुपया का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल करेंसी को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना देना चाहता है।

RBI की ओर से पहले शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, CBDC एक पेमेंट का मीडियम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा।

इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट यानी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी। देश में RBI की डिजिटल करेंसी आने के बाद अब आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत ही नहीं कम होगी बल्कि रखने की भी जरूरत नहीं होगी।

E-Ruppee को मोबाइल वॉलेट में भी रख सकेंगे

आपको बता दें E-Rupee को आप अपने मोबाइल वॉलेट में भी रख सकेंगे। इसके अलावा यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट भी करा सकेंगे। सबसे बड़ी बात इस डिजिटल रुपया का सर्कुलेशन पूरी तरह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियंत्रण में होगा।

डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत में कमी आएगी। हालांकि, इस डिजिटल करेंसी के आने से देश की मौजूदा भुगतान प्रणालियों में कोई बदलाव नहीं होगा।

इस्तेमाल करना होगा बेहद आसान

आपको बता दें इसे इस्तेमाल करना भी बेहद आसान होगा आप किसी को भी पेमेंट करने के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखेगा और करेंसी नोट से इसे बदला भी जा सकेगा।

ठीक उसी तरह जैसे हम ऑनलाइन अपना बैंक अकाउंट बैलेंस चेक करते हैं या मोबाइल वॉलेट चेक करते है, उसी तरह E-Rupee को इस्तेमाल कर सकेंगे। डिजिटल रुपी को UPI से भी जोड़े जाने की तैयारी है। हालांकि ये कब तक होगा अभी इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।

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सामान्य सवाल

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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन: अब तक बनाए गए 23.08 करोड़ आभा कार्ड

”आभा कार्ड” यानि ”आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट” इन दिनों खूब चर्चा में है। दरअसल, अभी तक देश में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत लगभग 23.08 करोड़ आभा कार्ड बनाए जा चुके हैं। ऐसे में यह कहना बिलकुल उचित होगा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से लोगों का जीवन भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं तेजी से बदल रहा है। इसके जरिए केंद्र सरकार डिजिटल हेल्थ केयर इको सिस्टम को मजबूत करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है और साथ ही साथ लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में काम कर रही है। यही कारण है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बनी केंद्र सरकार आम जनमानस में अन्य सरकारों से कहीं अधिक लोकप्रिय भी हो रही है।

डिजिटल हेल्थ केयर इको सिस्टम हो रहा मजबूत

इस संबंध में जानकारी देते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बुधवार को ट्वीट करके कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत देश में 23.08 करोड़ ( आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट) आभा कार्ड बनाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से लोगों का जीवन बदल रहा है। डिजिटल हेल्थ केयर इको सिस्टम को मजबूत करके लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण कर रहा मेहनत

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण देश में डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम तैयार करने में जबरदस्त मेहनत कर रहा है। इससे आने वाले दिनों में किसी भी मरीज का स्वास्थ्य रिकॉर्ड लंबे दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। एक बार स्वास्थ्य रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण होने से कागजी रिपोर्ट से मुक्ति मिल जाएगी। दरअसल उन्हें संभालकर रखना सबसे बड़ी कठिनाई होती है और किसी भी डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाने पर सर्वप्रथम पुरानी रिपोर्ट की ही जांच होती है। ऐसे में कागजी रिपोर्ट डिजिटलाइज होने पर इन तमाम मुश्किलों से छुटकारा मिल जाएगा। वहीं इससे पर्यावरण को भी फायदा होगा।

नागरिकों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का हो रहा डिजिटलीकरण

फिलहाल, देश में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत नागरिकों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। इसी क्रम में अब तक की बड़ी उपलब्धि यह हासिल की गई है कि एबीडीएम ने 23 करोड़ से अधिक आभा संख्या यानि स्वास्थ्य आईडी दर्ज करने के साथ महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसमें व्यक्ति अपने पुराने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को भी स्कैन कर सुरक्षित रख सकते हैं। इसके लिए आभा एप या किसी अन्य व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड एप का उपयोग कर सकते हैं। एबीडीएम के बारे में अधिक जानने के लिए https://abdm.gov.in/ सार्वजनिक डैशबोर्ड पर जा सकते हैं।

क्या है आभा कार्ड ?

आभा कार्ड हर नागरिक को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत उपलब्ध कराया जाने वाला कार्ड है। ये एक आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट यानी आभा कार्ड है। इस कार्ड में व्यक्ति की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां उपलब्ध रहेंगी। ये कार्ड इसलिए विशेष है क्योंकि इसमें एक मरीज की पूरी स्वास्थ्य संबंधित जानकारी डिजिटल माध्यम में सुरक्षित रहेंगी। इसमें किसी भी पुरानी रिपोर्ट के खो जाने का डर नहीं रहेगा। आप की जानकारी के लिए बता दें की इसे कभी भी एक्सेस किया जा सकता है और इसी आधार पर आगे का इलाज करने के लिए जानकारी का उपयोग किया जा भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं सकता है।

आभा कार्ड क्यों विशेष है ?

ये कार्ड इसलिए विशेष है क्योंकि इसमें एक मरीज की पूरी स्वास्थ्य संबंधित जानकारी डिजिटल माध्यम में सुरक्षित रहेंगी। इसमें किसी भी पुरानी रिपोर्ट के खो जाने का डर नहीं रहेगा। आप की जानकारी के लिए बता दें कि इसे कभी भी एक्सेस किया जा सकता है।

आभा कार्ड कैसे करें डाउनलोड ?

– आप को सबसे पहले आप को आयुष्मान डिजिटल मिशन की आधिकारिक वेबसाइट https://abdm.gov.in/ पर जाना होगा
– अब आप के सामने होम पेज खुलेगा
– यहां आप को डाउनलोड ABHA APP भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं के विकल्प पर क्लिक करना होगा
– क्लिक करते ही आप के सामने अगला पेज खुलेगा। यहां आप को एप के सामने Download App का विकल्प दिखाई देगा जिस पर आप को क्लिक करना है
– जैसे ही आप इस विकल्प पर क्लिक करेंगे, आप के डिवाइस पर ABHA App डाउनलोड होने लग जाएगा
– उसके बाद आप इसे ओपन कर सकते हैं

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के घटक का नाम

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के घटकों के नाम हेल्थ आईडी , हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री , हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री , हेल्थ रिकार्ड्स है। पूरे देश में अपनी शुरुआत के बाद से एबीडीएम ने 23 करोड़ से अधिक आभा संख्या (इसे पहले हेल्थ आईडी के रूप में जाना जाता था), स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री (एचएफआर) में पंजीकृत 1.14 लाख स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वास्थ्य सेवा पेशेवर रजिस्ट्री (एचपीआर) के तहत 33,000 स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, 6.6 लाख आभा एप डाउनलोड होने और व्यक्तियों के आभा से जुड़े 3.4 लाख स्वास्थ्य रिकॉर्ड दर्ज करने के साथ महत्वपूर्ण प्रगति की है।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) क्या है ?

सितंबर 2021 में ये मिशन स्वास्थ्य संबंधित सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए शुरू किया गया है। इसके जरिए देश के हर क्षेत्र में डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत स्वास्थ्य सेवाओं को भी डिजिटल माध्यम से जोडने के लिए की है।

कैसे मिलेगी सुविधा ?

पहले से अधिक व्यक्तियों के साथ अब स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों जैसे कि डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स (चिकित्सा सहायक) और स्वास्थ्य सुविधाएं भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं यानी अस्पताल, नर्सिंग होम, कल्याण केंद्र, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक लैब, एबीडीएम में शामिल होने वाली फार्मेसियां, उनके निर्माण स्थल पर स्वास्थ्य रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण संभव है। पुराने स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के लिए व्यक्ति अपने रिकॉर्ड को स्कैन करने और इसे सुरक्षित रखने के लिए आभा एप या किसी अन्य व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड (पीएचआर) एप का उपयोग कर सकते हैं। इन डिजिटल रिकॉर्ड को उनके आभा से जोड़कर व्यक्ति डिजिटल रूप से पेशेवरों व सेवाओं से जुड़ने में सक्षम होंगे और भौगोलिक दूरी के बावजूद गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे।

Digital Rupee Explained: कैसे काम करेगी भारत की पहली वर्चुअल करेंसी?

Digital Rupee Explained: कैसे काम करेगी भारत की पहली वर्चुअल करेंसी?

वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने वित्त वर्ष 2022-23 के Budget भाषण में Digital Rupee को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री के मुताबिक, Digital Rupee को Reserve Bank of India (RBI) की तरफ से जारी किया जाएगा. आपको बता दें, वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने अपने Budget भाषण के दौरान कहा, कि “वित्त वर्ष 2022-23 की शुरुआत में RBI की डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया जाएगा और यह डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को एक बूस्ट प्राप्त होगा”.

Digital Rupee ब्लॉकचेन समेत अन्य टेक्नोलॉजी पर आधारित डिजिटल करेंसी होगी. वैसे तो, हम सब डिजिटल या वर्चुअल करेंसी को Bitcoin, Dogecoin के रूप में जानते हैं, लेकिन इन डिजिटल करेंसी को RBI की तरफ से कोई मान्यता प्राप्त नहीं है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि Digital Rupee पहली वर्चुअल करेंसी होगी, जिसे RBI की ओर से जारी किया जाएगा और Central Bank Digital Currency (CBDC) इसे रेगुलेट करेगी. आइए जानते हैं, कि आखिर Digital Rupee कैसे काम करेगी, और यह बाकी प्राइवेट डिजिटल करेंसी से कैसे अलग होगी?

क्या है CBDC और कौन करेगा लॉन्च

आपको बता दें, कि आगामी वित्त वर्ष में CBDC को लॉन्च करेगी. CBDC एक लीगल टेंडर है, जिसे सेंट्रल बैंक एक डिजिटल रूप में जारी करती है. यह कागज में जारी एक फिएट मुद्रा के समान है और किसी भी अन्य फिएट मुद्रा के साथ लेनदेन करने योग्य भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं है. वहीं, अगर लीगल टेंडर को समझा जाए तो, हम लीगल टेंडर को भारतीय मुद्रा के रूप में समझ सकते हैं, जिसे लेने से कोई मना नहीं कर सकता. इसी प्रकार Digital Rupee एक लीगल टेंडर है, जिसे RBI जारी करेगी. यह अन्य प्राइवेट डिजिटल करेंसी के जैसी नहीं है. साथ ही आपको बता दें, कि CBDC को नोट के साथ बदला भी जा सकेगा.

क्या होती है Cryptocurrency

Cryptocurrency एक ऐसी करेंसी है, जिसे हम महसूस या देख नहीं सकते, यानी यह एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है जिसे ऑनलाइन वॉलेट में ही रखा जा सकता है. लेकिन इसे भारत समेत कई अन्य देशों में मान्यता प्राप्त नहीं है. Digital Rupee जारी करने के बाद निश्चित तौर पर सरकार का अगला कदम दूसरी अन्य प्रकार की डिजिटल करेंसी पर रोक लगाना ही होगा. Digital Rupee भी एक वर्चुअल करेंसी की तरह ही काम करेगी और इसे देश में लेनदेन के लिए कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त होगी.

क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में डाटा ब्लॉक्स मौजूद होते हैं, इन ब्लॉक्स में करेंसी को डिजिटली रूप में रखा जाता है. यह सारे ब्लॉक्स आपस भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं में एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए होते हैं. जिससे डेटा की एक लंबी चेन बन जाती है, जिसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कहा जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि इन भारत में डिजिटल विकल्प कैसे काम करते हैं डाटा ब्लॉक्स में सारी लेन-देन की जानकारी डिजिटल रूप में सुरक्षित रहती है, और साथ ही प्रत्येक ब्लॉक एंक्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित होते हैं.

आपको बता दें, कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी होती है. अगर इसे आसान भाषा में समझा जाए, तो करेंसी की कीमत को कम या ज्यादा नहीं किया जा सकता. ऐसे में Digital Rupee में मुनाफे की गुंजाइश ज्यादा मानी जा रही है.

Digital Rupee बाकी वर्चुअल करेंसी की तुलना में कैसे है अलग?

Digital Rupee बाकी वर्चुअल करेंसी से अलग होगी, क्योंकि Digital Rupee को RBI जारी करेगी और यह करेंसी CBDC के तहत काम करेगी. बता दें, कि CBDC को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है. ऐसे में Digital Rupee में निवेश करना बाकी वर्चुअल करेंसी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है.

कितने तरह की होती हैं डिजिटल करेंसी ?

वर्तमान में बाज़ार में कई तरह की डिजिटल करेंसी मौजूद है. लेकिन मुख्यतः डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है. पहली रिटेल डिजिटल करेंसी, जिसे आम लोग और कंपनियों के लिए जारी किया जाता है. दूसरी होलसेल डिजिटल करेंसी, जिसका इस्तेमाल वित्तीय संस्थानों द्वारा किया जाता है.

भारत सरकार द्वारा Digital Rupee को लेकर एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है. इसकी पूरी प्रक्रिया होने में अभी समय लगेगा. RBI, भले ही इसे जारी करने के लिए तैयार है, लेकिन यह तब तक संभव नहीं है, जब तक संसद में क्रिप्टो कानून पारित नहीं हो जाता. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत, मुद्रा को लेकर जो मौजूदा प्रावधान हैं, वह भौतिक मुद्रा रूप को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं. जिसके परिणामस्वरूप सिक्का अधिनियम, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट में भी संशोधन की आवश्यकता होगी.

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